सनातन धर्म में देवाधिदेव भगवान शिव की उपासना के लिए महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। भगवान शिव की पूजा अर्चना और उनकी कृपा पाने के लिए यह सर्वोत्तम दिन है।
Maha Shivratri 2022 : सनातन धर्म में देवाधिदेव भगवान शिव की उपासना के लिए महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। भगवान शिव की पूजा अर्चना और उनकी कृपा पाने के लिए यह सर्वोत्तम दिन है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन महादेव और मां गौरी का विवाह संपन्न हुआ था। महाशिवरात्रि के मौके पर देशभर के शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस पवित्र दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने बाद शिव जी को चंदन, पुष्प, बेलपत्र, फल, धतूरा आदि अर्पित किया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के अवसर पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से शिव शंकर की उपासना करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने निर्जला रह कर कठोर तपस्या की थी। इस दौरान मां गौरी शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाकर भोलेनाथ की आराधना करती थीं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने ही सबसे पहली बार शिवजी के चरणों में बेलपत्र अर्पित किया था। कहते हैं कि जो भी भक्त केवल जल और बेलपत्र से भी महादेव की पूजा करता है उसका जीवन सुखमय हो जाता है।