बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के तरफ से दायर भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक (Justice MS Karnik) ने आठ दिसंबर को याचिका सुरक्षित रखने के बाद आज फैसला सुनाया है।
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के तरफ से दायर भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक (Justice MS Karnik) ने आठ दिसंबर को याचिका सुरक्षित रखने के बाद आज फैसला सुनाया है। बता दें कि देशमुख एक साल से अधिक की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) के बाद अब जेल से रिहा होंगे।
बता दें कि देशमुख एक ही आरोप से उत्पन्न दो जांचों में उलझे हुए हैं। एक केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा भ्रष्टाचार के अपराध के लिए और दूसरा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए। हालांकि देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने 4 अक्तूबर को जमानत दे दी थी। लेकिन सीबीआई (CBI) वाले मामले में, विशेष अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और उसी को देशमुख ने उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी।
देशमुख के वकील ने दिए ये तर्क
वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी (Senior Advocate Vikram Chaudhary) और देशमुख की ओर से पेश अधिवक्ता अनिकेत निकम (Advocate Aniket Nikam) ने तर्क दिया कि चूंकि दोनों मामले जुड़े हुए हैं और चूंकि देशमुख को ईडी (ED) मामले में जमानत दी गई थी, इसलिए उन्हें सीबीआई (CBI) मामले में जमानत दी जानी चाहिए। चौधरी ने तर्क दिया कि देशमुख ने कथित रूप से एक अपराध करने के लिए एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत किया है, जो कि 7 साल तक के कारावास की सजा थी।