भगवान भोलेनाथ की पूजा उत्सव के रूप में मनाने की रात्रि ही शिवरात्रि है। रात भर उत्सव मना कर शिव की पूजा अर्चना करते हुए जीवन की जागृति का अवसर बनाना ही इस पवित्र पर्व का मुख्य उद्देश्य है।
Mahashivratri 2022 : भगवान भोलेनाथ की पूजा उत्सव के रूप में मनाने की रात्रि ही शिवरात्रि है। रात भर उत्सव मना कर शिव की पूजा अर्चना करते हुए जीवन की जागृति का अवसर बनाना ही इस पवित्र पर्व का मुख्य उद्देश्य है। शिव के लिए रात्रि जागरण, जीवन का जागरण बन जाता है। युगों युगों से मनाया जाने वाला यह पर्व इस वर्ष 01 मार्च 2022 को मनाया जाएगा। शिव भक्तों के द्वारा शिवरात्रि के पवित्र दिन शिवालयों पर भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। पूजा के समय भगवान शिव को बेलपत्र अवश्य ही चढ़ाया जाता है। बेलपत्र अर्पण करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र पर चंदन से राम लिख कर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करना चाहिए। भोलेनाथ को समर्पित महाशिवरात्रि के पर्व पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम है।
बेलपत्र अर्पित करने की विधि
1. सबसे पहले भगवान शिव का स्मरण करके बेलपत्र तोड़ लें।
2.तीन पत्तियों वाला ही बेलपत्र शिव जी को चढ़ाना चाहिए।
3.तोड़ने के बाद पेड़ को प्रणाम करना चाहिए।
4. बेलपत्र कटे फटे न हों। बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता है।
इन मंत्रों से करें भगवान शिव की पूजा
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥