भगवान शिव जगत के कल्याण कर्ता है।दीन दुनिया की सुध लेने वाले अवढरदानी भगवान अवधूत बाबा भोलेनाथ भक्तों पर सहज कृपा करते है।
महाशिवरात्रि 2022: भगवान शिव जगत के कल्याण कर्ता है।दीन दुनिया की सुध लेने वाले अवढरदानी भगवान अवधूत बाबा भोलेनाथ भक्तों पर सहज कृपा करते है। पृथ्वीलोक पर भगवान शिव को प्रसन्न करने का उत्सव महाशिवरात्रि है। भगवान शिव की आराधना का विशेष पर्व महाशिवरात्रि है। दुनियाभर में भगवान भोलेनाथ को समर्पित यह त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिव मंदिर में जाकर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं।
इस वर्ष महाशिवरात्रि पर हिुदू पंचांग के अनुसार, पंचक (Panchak) लग रहा है। महाशिवरात्रि 01 मार्च दिन मंगलवार को है। शास्त्रों के अनुसार, पंचक के समय में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने में कोई समस्या नहीं है। प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि भगवान शिव स्वयं महाकाल हैं।, उन्हीं से सृष्टि का आदि हैं और अंत भी। भोलेनाथ की पूजा में राहुकाल भी अमान्य होता है।
1.जब पंचक लगा हो तो उस समय में दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ होता है. दक्षिण दिशा को मृत्यु के देवता यमराज की दिशा मानते हैं।
2. पंचक में नए मकान की छत नहीं डालनी चाहिए। ऐसा करने से धन हानि और परिवार में अशांति होती है।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
1 – महाशिवरात्रि आरंभ तिथि – 1 मार्च, 3.16 मिनट (सुबह)
2 – महाशिवरात्रि समापन तिथि – 2 मार्च, 10.00 (सुबह)
इन मंत्रों से करें भगवान शिव की पूजा
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
इन वस्तुओं को न करें अर्पित
हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है, लेकिन शिव की पूजा में इसका इस्तेमाल निषेध माना गया है। इसी प्रकार शास्त्रों के मुताबिक तिल शिव की पूजा में निषेध है।