जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बलिदान होने से पूरे गांव में शोक की लहर है। आज हर किसी की आंखे गमगीन हैं। उनको आखिरी विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
पानीपत। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बलिदान होने से पूरे गांव में शोक की लहर है। आज हर किसी की आंखे गमगीन हैं। उनको आखिरी विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
मेजर आशीष के पार्थिव शरीर को बीती रात चंडीगढ़ लाया गया था, जिसके बाद वहां से पानीपत भेजा गया। वीर सपूत की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से लोग आए औप उनको देखते ही अपने आंसू नहीं रोक पाए।
बता दें कि, मेजर आशीष की अंतिम विदाई के समय उनके गांव बिंझौल के श्मसान घाट में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में वहां पर लोग पहुंचे थे। जगह नहीं मिलने के कारण लोग पेड़ों पर चढ़कर मेजर अशीष का अंतिम दर्शन किए। इस दौरान लोगों के हाथों में तिरंगे दिखाई दिए। वहीं, लोगों ने जोर-जोर से भारत माता जय के नारे लगाए। इस दौरान लोगों को देश का जवान खोने का गम था। वहीं उन्हें अपने लाल पर गर्व भी था कि वह देश के लिए शहीद हुआ है।