मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और उसके बाद दान करने का विधान है।
Makar Sankraanti Mein Kambal Ka Daan : मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और उसके बाद दान करने का विधान है। भगवान सूर्य की उपासना विशेष पर्व मकर संक्रांति को पूरे देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब मकर राशि में जातें हैं तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं। इस बार सूर्य और शनि का मिलन भी हो रहा है।
पौराणिक ग्रंथों में मकर संक्रांति के दान को अत्यन्त फलदायी बताया गया है। दान की परंपरा सदियों पुरानी है। हिंदू धर्म में गाय का दान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। गोदान को कई जन्मों और कई पीढ़ियों के लिए लाभकारी बताया गया है। कहा जाता है यदि व्यक्ति को सुख, धन और संपत्ति चाहिए तो उसे गाय का दान देना चाहिए।
तिल का दान : मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन तिल का दान करने से शनि दोष दूर होता है। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु, सूर्य और शनि देव की पूजा भी करनी चाहिए।
कंबल का दान: मकर संक्रांति के दिन गरीब व्यक्ति को कंबल का दान करें। इससे राहु दोष दूर होता है। गरीब, असहाय, जरूरतमंद लोगों को काले रंग के कंबल का दान करें। माघ के महीने में ऊनी वस्त्र या कंबल दान करने का महत्व है। ऐसा करने से कामकाज में बड़ी सफलता मिलती है। ऊनी वस्त्र ,रजाई, जूता और शीत निवारक वस्तुएं दान करने से लोगों के दुख दूर होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
संकट के लिए प्रथमतः जिम्मेदार राहु और केतु के लिए यह उपाय है। काला और सफेद अर्थात एक ही कंबल में यह दोनों रंग होना चाहिए। कोई तीसरा रंग नहीं होना चाहिए अर्थात दोरंगी कंबल को 21 बार खुद पर से वारकर उसे किसी मंदिर में या गरीब को दान कर दें। इससे कई तरह के फायदे होते हैं।