बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की मेहनत रंग लायी और उनकी पार्टी टीएमसी को प्रचंड बहुमत मिला। एक- एक सीट की कठिन लड़ाई लड़ते हुए टीएमसी ने चुनाव में 294 में से 213 सीटों पर जीत दर्ज की।
नई दिल्ली: बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की मेहनत रंग लायी और उनकी पार्टी टीएमसी को प्रचंड बहुमत मिला। एक- एक सीट की कठिन लड़ाई लड़ते हुए टीएमसी ने चुनाव में 294 में से 213 सीटों पर जीत दर्ज की। सीएम ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार गई है। लेकिन जल्द ही वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज शाम 7 बजे ममता बनर्जी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। माना जा रहा है कि अगले एक दो दिन में ही सादे समारोह में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेंगी।
ममता बनर्जी खुद नाक का प्रश्न बनी नंदीग्राम की सीट से हार गई हैं। उन्हें उन्हीं के खास सिपाहसालार रहे शुभेंदु अधिकारी ने उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में मामूली अंतर से हराया है। इस पर ममता बनर्जी ने अदालत की शरण लेने की बात की हैं। रोचक बात यह है कि टीएमसी सुप्रीमो भले ही चुनाव हार गई हों, लेकिन मुख्यमंत्री बनने की राह में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। अनुच्छेद 164 (4) कहता है, ‘एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उसे पद छोड़ना पड़ेगा।’ इसका मतलब यह है कि ममता बनर्जी को छह महीने के भीतर किसी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आना होगा। 2011 में भी जब ममता बनर्जी ने पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब वह संसद सदस्य थीं। उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। कुछ महीनों के बाद वह भवानीपुर से चुनी गई थीं।