Manish Gupta Case: कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की मौत के बाद चर्चा में आए गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह (Jagat Narayan Singh) का विवादों से पुराना नाता है। जगह नारायण सिंह (Jagat Narayan Singh) क्षेत्र में 'नगद नारायण' के नाम से भी मसहूर हैं। मनीष गुप्ता (Manish Gupta) से पहले भी इंस्पेक्टर की कस्टडी में कई जाने जा चुकी हैंं।
Manish Gupta Case: कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की मौत के बाद चर्चा में आए गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह (Jagat Narayan Singh) का विवादों से पुराना नाता है। जगह नारायण सिंह (Jagat Narayan Singh) क्षेत्र में ‘नगद नारायण’ के नाम से भी मसहूर हैं। मनीष गुप्ता (Manish Gupta) से पहले भी इंस्पेक्टर की कस्टडी में कई जाने जा चुकी हैंं।
विवादों में रहने के बाद भी जगत नारायण (Jagat Narayan Singh) को लगातार पोस्टिंग मिलती गई। सूत्रों की माने तो राजनीतिक संरक्षण के कारण इंस्पेक्टर को लगातार कोतवाली और थानों की कमान संभालते रहे। सूत्रों की माने तो राजनीतिक संरक्षण हासिल होने के कारण अभी तक जगह नारायण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इनके कारनामों की लिस्ट लंबी होने के बाद भी अपने आकाओं के दम पर न सिर्फ वो बचते रहे बल्कि थानेदारी भी करते रहे। पहली बार ऐसा हुआ है, जब उस पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि सिपाही से प्रमोट होकर जगत नारायण सिंह इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचा है।
केस नंबर 1- बांसगांव में तैनाती के दौरान बीते विशुनपुर गांव में मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम को 11 अक्टूबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सात नवंबर को जेल में उसकी मौत हो गयी थी। इस मामले में पुलिस पर पिटाई का आरोप लगा था। हंगामा होने पर तत्कालीन चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया जबकि जगत नारायण इसमें बच गए थे।
केस नम्बर 2- रामगढ़ताल की कमान संभालने के बाद 13 अगस्त 2020 को गौतम सिंह की पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगा था। परिजनों ने आरोप लगाया था की पुलिस की पिटाई से मौत हुई थी। इस मामले को भी जगत नारायण अपने आकाओं के दम पर मैनेज कर लिया था।
केस नम्बर 3- रामगढ़ताल थाने से 200 मीटर की दूरी पर स्थित कृष्णा पैसेल होटल में 27 सितम्बर की रात में कारोबारी मनीष गुप्ता की भी पुलिस की पिटाई से मौत हो गई। इस मामले का भी आरोप जगत नारायण सिंह पर लगा है।