देश-काल की विषम परिस्थितियों में लोक-मंगल हेतु, साधु-सज्जनों और ऋषियों-मुनियों के परित्राण हेतु तथा धर्म के समुत्थान के लिये भगवान विष्णु विभिन्न रूपों में अवतरित होते रहते हैं।
Matsya Jayanti 2022 : देश-काल की विषम परिस्थितियों में लोक-मंगल हेतु, साधु-सज्जनों और ऋषियों-मुनियों के परित्राण हेतु तथा धर्म के समुत्थान के लिये भगवान विष्णु विभिन्न रूपों में अवतरित होते रहते हैं। मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का अवतार है। जो उनके दस अवतारों में से प्रथम है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने इस संसार को भयानक जल प्रलय से बचाया था। साथ ही उन्होंने हयग्रीव नामक दैत्य का भी वध किया था जिसने वेदों को चुराकर सागर की गहराई में छिपा दिया था।
मत्स्य जयंती
चैत्र शुक्ल तृतीया को हर साल मत्स्य जयंती मनाई जाती है और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस साल मत्स्य जयंती 03 अप्रैल दिन रविवार को है। हालांकि कुछ स्थानों पर 04 अप्रैल दिन सोमवार को भी है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है। इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है। मान्यता है कि ,भगवान विष्णु की कृपा से सभी संकट एवं दुख दूर होते हैं।