दिल्ली नगर निगम (MCD ) के महापौर पद के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के महेश कुमार खिंची ने जीत दर्ज कर ली। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार किशनलाल को 3 वोट से हरा दिया। जीत के बाद खिची ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल से धन्यवाद दिया। चुनाव में देरी को लेकर खिंची ने भाजपा को जिम्मेदार बताया है।
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD ) के महापौर पद के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के महेश कुमार खिंची ने जीत दर्ज कर ली। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार किशनलाल को 3 वोट से हरा दिया। जीत के बाद खिची ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल से धन्यवाद दिया। चुनाव में देरी को लेकर खिंची ने भाजपा को जिम्मेदार बताया है। मेयर चुनाव के लिए कुल 263 वोट पड़े, जिसमें से AAP उम्मीदवार खिंची को 133 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार किशनलाल को 130 वोट मिले। 2 वोट अवैध हो गए। महापौर पद पर आसीन होने वाले दलित उम्मीदवार का कार्यकाल राजनीतिक कलह के कारण पांच महीने कम होगा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी बोलीं- बाबा साहेब के संविधान की जीत हुई
खिंची की जीत के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा कि ‘दलित विरोधी भाजपा ने षड्यंत्र रचकर मेयर चुनाव में देरी करवाई। लेकिन एक बार फिर बाबा साहेब के संविधान की जीत हुई है। आम आदमी पार्टी की बदौलत दिल्ली को दलित मेयर मिला। मेयर बनने पर महेश खिंची जी को बधाई! मुझे उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में MCD में अरविंद केजरीवाल के काम की राजनीति आगे बढ़ेगी।
महेश कुमार खिंची , बोले- मेरी प्राथमिकता शहर की स्वच्छता के लिए काम करना होगी
महेश कुमार करोल बाग विधानसभा क्षेत्र के देव नगर के वार्ड 84 से पार्षद हैं। महेश ने डीयू के मोतीलाल नेहरू कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की है। दिल्ली के नवनिर्वाचित महापौर महेश कुमार खिंची ने कहा कि चुनौती दिल्ली के लोगों की सेवा में काम करने की है, जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के लिए काम किया है। मेरी प्राथमिकता शहर की स्वच्छता के लिए काम करना होगी।
दिल्ली को हर साल मिलता है एक नया मेयर
एमसीडी नियमों के अनुसार, दिल्ली में हर साल महापौर के चुनाव होते हैं। यह चुनाव अप्रैल में होते हैं। पहला कार्यकाल महिलाओं के लिए, दूसरा ओपन कैटेगरी के लिए, तीसरा आरक्षित श्रेणी के लिए और आखिरी दो कार्यकाल फिर से ओपन कैटेगरी के लिए निर्धारित हैं।
आप को था क्रॉस वोटिंग का डर
आप को क्रॉस वोटिंग होने का डर सता रहा था। उसकी राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल उससे नाराज चल रही हैं। वह पिछले कई माह से अपनी पार्टी की दिल्ली और एमसीडी सरकार को घेरने में लगी हैं। लिहाजा उनके चुनाव में आप उम्मीदवारों को मत देने की संभावना नहीं दिख रही थी, लेकिन उन्होंने मतदान ही नहीं किया। वहीं वार्ड समितियों के चुनाव में आप को तीन जोनों में क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा था। उसके कुछ पार्षदों ने पार्टी उम्मीदवारों के बजाए भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान कर दिया था। साउथ जोन में उसके उम्मीदवार हारते-हारते बचे थे।
आप सासंद स्वाति मालीवाल और सात कांग्रेस पार्षदों ने नहीं डाला वोट
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल और कांग्रेस के सात पार्षदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। जबकि कांग्रेस की पार्षद सबीला बेगम ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए आप को समर्थन देने का एलान किया। इस्तीफा पत्र में लिखा है कि मेयर चुनाव से दूर रहकर हम भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते हैं।