मीन संक्रांति का पर्व सूर्य की आराधना उपासना का पावन पर्व है, जो तन-मन और आत्मा को शक्ति प्रदान करता है। मीन संक्रांति सूर्य के मीन राशि में संक्रमण करने के अवसर पर मनाई जाती है।
Meen Sankranti 2022 : मीन संक्रांति का पर्व सूर्य की आराधना उपासना का पावन पर्व है, जो तन-मन और आत्मा को शक्ति प्रदान करता है। मीन संक्रांति सूर्य के मीन राशि में संक्रमण करने के अवसर पर मनाई जाती है। इस संक्रांति के दिन दान पुण्य करने के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। मीन संक्रांति से सूर्य की गति उत्तरायण की ओर बढ़ रही होती है। उत्तरायण काल में सूर्य उत्तर की ओर उदय होता दिखता है। इस काल में दिन का समय बढ़ता जाता है। जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं और प्रकृति में नया जीवन शुरू हो जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष सूर्य के गोचर के वजह से 12 संक्रांति में मनाई जाती हैं। मीन राशि अंतिम राशि मानी जाती है और मीन राशि में सूर्य के गोचर करने के वजह से इस समयावधि को मीन संक्रांति कहा जाता है।
मीन संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त
मीन संक्रान्ति मंगलवार, मार्च 15, 2022 को
1.इस समय काल में कुछ कार्य करना वर्जित माना गया है। मलमास/खरमास में विवाह, वधू प्रवेश, नवीन भवन-निर्माण, 2.नया व्यापार, व्यवसाय, मुंडन, सगाई आदि शुभ कार्य वर्जित हैं।
3.मीना संक्रांति पर भक्तों को मुहूर्त के अनुसार पवित्र स्नान करना चाहिए।
4.स्नान करते समय भगवान सूर्य को नमस्कार करना चाहिए।
5.इस दिन घर में मंदिरों और मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है और भगवान को अगरबत्ती, दीपक और मिठाई का भोग लगाया जाता है।
6.ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को दान दिया जाता है जिसमें अन्न दान , धन दान और वस्त्र दान शामिल हैं।