सूर्य देव जगत के आधार है। जीवन में शौर्य के प्रतीक भगवान भास्कर 14 मार्च की रात लगभग 12.16 पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश किया है।
Meen Sankranti 2022 : सूर्य देव जगत के आधार है। जीवन में शौर्य के प्रतीक भगवान भास्कर 14 मार्च की रात लगभग 12.16 पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश किया है। सूर्यदेव के इस गोचर से मीन संक्रांति बन रही है।मीन संक्रांति को साल के आखिरी माह की संक्रांति के रूप में मनाते हैं। कहते हैं कि हर माह सूर्य अपना राशि परिवर्तन कर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। वहीं, इस समय को खरमास या फिर मलमास भी कहते हैं। मीन संक्रान्ति के दौरान नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
मीन संक्रांति से सूरज की गति उत्तरायण की ओर बढ़ रही होती है. उत्तरायण काल में सूरज उत्तर दिशा की ओर उदय होता दिखाई देता है। उसमें दिन का समय बढ़ जाता है और रातें छोटी हो जाती हैं। इसके साथ ही प्रकृति में नया जीवन शुरू हो जाता है।
मीन संक्रांति के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान और निर्बल असहाय लोगों में दान का बहुत महत्व है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य और गरीबों को भोजन कराने का भी फल मिलता है।इस दिन भगवान सूर्य की पूजा जरूर करें. इस दिन उगते सूर्य को तांबा के लोटे में जल भरकर अर्घ्य दें।