मौसम मंत्रालय ने चेतावनी जारी कर दी कि अगले 24 घंटे में चक्रवात यास बहुत गंभीर चक्रवात तूफान में तब्दील हो सकता है। बुधवार को यास बंगाल और ओडिशा के तट पर पहुंचने वाला है। चक्रवात के टकराने के उपरांत भारी तबाही से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा चुका है।
नई दिल्ली: मौसम मंत्रालय ने चेतावनी जारी कर दी कि अगले 24 घंटे में चक्रवात यास बहुत गंभीर चक्रवात तूफान में तब्दील हो सकता है। बुधवार को यास बंगाल और ओडिशा के तट पर पहुंचने वाला है। चक्रवात के टकराने के उपरांत भारी तबाही से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा चुका है। वहीं गृह विभाग ने चक्रवात यास से प्रभावित होने वाले सभी राज्यों को आश्वासन दिया है कि मंत्रालय उनकी सहायता के लिए 24 घंटे तैयार रहने वाले है। जिसके अतिरिक्त भारतीय मौसम मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 26 मई की दोपहर को चक्रवात यास उत्तरी ओडिशा और बंगाल के तटों से टकराएगा।
जंहा इस बात का पता चला है कि ओडिशा के प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे 81661 लोगों को निकाला गया ओडिशा के एडीजी वाई.के.जेठवा ने बोला कि 81,661 लोग जो प्रभावित इलाकों में रह रहे हैं उनको अभी तक बाहर निकाला गया है और चक्रवात शिविर में पहुंचाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह ओडिशा के धामरा पोर्ट के पास पहुंचेगा चक्रवाती तुफान यास चक्रवाती तुफान यास के बुधवार सुबह ओडिशा के भद्रक जिले स्थित धामरा पोर्ट के पास पहुंचने का अनुमान लगाया जा चुका है।
ओडिशा और बंगाल में अभी तक सबसे अधिक NDRF टीमें तैनात की गईं ओडिशा में सबसे ज्यादा 52 और पश्चिम बंगाल में 45 टीमों को तैनात किया गया है। इनके अलावा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में बाकी टीमों को तैनात कर दिए गए है। NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान ने ट्वीट किया कि दो राज्यों ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पहली बार सबसे ज्यादा टीमों को तैनात कर दिया गया है।
वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि किमी प्रति घंटे की तेजी से चलेंगी हवाएं ओडिशा के मयूरभंज जिले और पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों में हवा की तेजी 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटे की होने वाली है। ओडिशा के पुरी, कटक, खुर्दा और जाजपुर जिले तथा पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर और उत्तरी 24 परगना जिलों में 80-90 किलोमीटर रफ्तार की हवाएं 110 किलोमीटर तक पहुंच सकती हैं।