यूपी की योगी सरकार (Yogi government) मिशन-2022 (Mission-2022) की तैयारियों को धार देने में जुटी हुई है। इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session )में अनुपूरक बजट भाषण (Supplementary Budget Speech) के दौरान युवाओं को लुभाने के लिए गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है।
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार (Yogi government) मिशन-2022 (Mission-2022) की तैयारियों को धार देने में जुटी हुई है। इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session )में अनुपूरक बजट भाषण (Supplementary Budget Speech) के दौरान युवाओं को लुभाने के लिए गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है। सीएम योगी ने विधानसभा में कहा कि ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन या डिप्लोमा में प्रवेश लेने वाले एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन (Smartphone-Tablet) देगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपए का एक कोष गठित किया( Fund Set Up) गया है।
विधान सभा में… https://t.co/ecDgDAJ963
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 19, 2021
इसके अलावा यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवाओं को तीन प्रतियोगी परीक्षाओं में आने- जाने का भत्ता देगी। विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने आज ऐलान किया कि प्रदेश सरकार निराश्रित महिलाओं के उत्थान के लिए भी जल्द योजना लेकर आ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार (BJP government) ने अपने शासनकाल में साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियां दी हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता आंकड़े नोट कर लें। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय दुगनी हुई है और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी अब नम्बर 2 बन गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की GDP 5 वर्ष पहले 10-11 लाख करोड़ के आसपास थी, आज हम इसे 20-21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने में सफल हुए हैं। 2015-16 में उत्तर प्रदेश देश अर्थव्यवस्था में 6 नंबर पर था जबकि आज नंबर 2 की अर्थव्यवस्था बनी है। आज हम 6 लाख करोड़ तक बजट के दायरे को लेकर आये हैं। संकीर्ण सोच से बड़ा काम नहीं हो सकता, बड़े काम और विकास के लिए बड़े बजट की जरूरत है। बिना भेदभाव के जो काम किया उसी से बजट का दायरा बढ़ा है।