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विधायक नौतनवा खरगबरवा के मृतक बच्चों के परिजन से मिले,4-4 लाख रुपए दी अनुग्रह धनराशि 

विधायक नौतनवा ने आग से पीड़ित परिवार को दिया सांत्वना, 4-4 लाख रुपए दी अनुग्रह धनराशि 

By विजय चौरसिया 
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पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :नौतनवां थाना क्षेत्र के खरगबरवा गांव में 13 अप्रैल को गौतम के खेत मे स्थित झोपड़ी मे आग लगने से झोपड़ी में खेल रहे उनके दो मासूम बच्चों की मृत्यु हो जाने का हृदयविदारक घटना से दुखी विधायक नौतनवा ऋषि त्रिपाठी ने आज शनिवार को उनके घर पहुंच कर उन्हें ढाढस बधायां । और 4-4 लाख रुपए का चेक देकर सहायता मुहैया कराया।
बता दे कि जैसे ही नौतनवा विधायक ऋषि त्रिपाठी को सूचना मिली कि नौतनवा विधानसभा के खरगबरवा गांव में दो मासूम बच्चे झोपड़ी में जल गए हैं परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उनके प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए तत्काल उन्होंने जिला प्रशासन से वार्ता कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को दैवीय आपदा के अन्तर्गत 4-4 लाख की अनुग्रह धनराशि प्रदान किया।
श्री त्रिपाठी ने पीड़ित परिवार से कहां की इस कठिन घड़ी में हम आपके साथ हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हम ईश्वर से से प्रार्थना करते है की वह पीड़ित परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति और संबल प्रदान करे और दिवंगत बच्चों को अपने श्री चरणों मे स्थान दे।
बताते चलें कि यह पहला अवसर है जब घटना के 72 घंटे के अंदर ही किसी परिवार को आर्थिक सहयोग मिल रहा है। विधायक के इस प्रयास की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है।
इस मौके पर एसडीएम नौतनवा दिनेश मिश्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी नौतनवा अजय सिंह चौहान,भाजपा के वरिष्ठ नेता समीर त्रिपाठी,ब्लाक प्रमुख नौतनवा राकेश मद्धेशिया,भाजपा नेता सोनौली अखिलेश त्रिपाठी सहित कई भाजपा नेता मौजूद रहे।

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आपको बता दे नौतनवां थाना क्षेत्र के खरगबरवां गांव में गौतम खेत की रखवाली करने के लिए गांव के बाहर घर से 500 मीटर की दूरी पर बागीचे में एक झोपड़ी बनाए थे। बृहस्पतिवार को उनका तीन साल का बेटा राजा और चार साल की बेटी काजल झोपड़ी में खेलने में गए। शाम करीब 4:30 बजे दोनों अंदर से चेचरा बंद कर झोपड़ी में खेल रहे थे। अचानक झोपड़ी जलने लगी। दोनों मासूमों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल सका।गांव के लोग समझ नहीं सके कि झोपड़ी में दो मासूम हैं। गांव के लोग आग बुझाने के लिए दौड़े तो मासूमों की मां, दादी चिल्लाते हुए घर से निकलीं। वे बोल रही थीं कि मेरे बच्चों को बचाओ। गांव के लोगों ने पंपिंगसेट चलाकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक भाई-बहन जल चुके थे।

आग बुझने के बाद मासूमों के शव को देखकर उनकी मां सरिता बेहोश हो गईं। इस घटना की जानकारी होते ही अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

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