मोदी सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड की पहली बिक्री सोमवार से शुरू हो गई है। यह बिक्री 21 मई तक चलेगी। वहीं बाॅन्ड 25 मई को जारी किए जाएंगे। वित्त मंत्रालय के अनुसार अगले कुछ महीनों में साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड 6 किश्तों में जारी किए जाएंगे।
नई दिल्ली। मोदी सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड की पहली बिक्री सोमवार से शुरू हो गई है। यह बिक्री 21 मई तक चलेगी। वहीं बाॅन्ड 25 मई को जारी किए जाएंगे। वित्त मंत्रालय के अनुसार अगले कुछ महीनों में साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड 6 किश्तों में जारी किए जाएंगे। यह उन लोगों के लिए अच्छा मौका है जिनको सोने में इनवेस्टमेंट करना पसंद है। बता दें कि सोना आपको फिजिकल रूप नहीं बल्कि बॉन्ड के रूप में मिलेगा।
गोल्ड बॉन्ड पहली सीरीज की ये हैं मुख्य बातें
मोदी सरकार ऐसे समय में गोल्ड बॉन्ड लेकर आई है, जब घरेलू कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद करीब 8500 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की पहली सीरीज में सब्सक्रिप्शन 21 मई के बाद बंद हो जाएगी।
गोल्ड बॉन्ड की इस किस्त के लिए 4,777 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया गया है। गोल्ड बॉन्ड के लिए इंडियन बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा 999 शुद्धता के सोने के प्रकाशित सामान्य औसत बंद भाव पर आधारित है।
सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं। भौतिक सोने की मांग को कम करने और वित्तीय बचत में घरेलू बचत के एक हिस्से को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की गई थी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है।
सरकार ने मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह किस्तों में बॉन्ड जारी करने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा।
बॉन्ड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं।
एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक PAN जरूरी है। स्वर्ण बॉन्ड बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (एनएसई और बीएसई) के माध्यम से बेचा जाएगा।
इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है। साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है।
इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है।
इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।