यूपी के लगभग हर शहर गर्मी और उमस से हाल-बेहाल हैं, तो अगले दो दिनों तक राहत नहीं मिलने वाली है। आगामी 1 जुलाई से पहले यूपी में बारिश के आसार बहुत ही कम हैं। कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हो गयी तो उससे आराम कम और तकलीफ ही ज्यादा होगी। हल्की बारिश के बाद निकलने वाली धूप से उमस और बढ़ेगी। 1 जुलाई से बारिश की संभावना पूर्वी यूपी के जिलों में ही बनी है।
लखनऊ। यूपी के लगभग हर शहर गर्मी और उमस से हाल-बेहाल हैं, तो अगले दो दिनों तक राहत नहीं मिलने वाली है। आगामी 1 जुलाई से पहले यूपी में बारिश के आसार बहुत ही कम हैं। कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हो गयी तो उससे आराम कम और तकलीफ ही ज्यादा होगी। हल्की बारिश के बाद निकलने वाली धूप से उमस और बढ़ेगी। 1 जुलाई से बारिश की संभावना पूर्वी यूपी के जिलों में ही बनी है।
लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अगले दो दिनों तक बारिश की बहुत कम संभावना है। 1 जुलाई से मौसम के रूख में बदलाव देखने को मिल सकता है। मॉनसून की वजह से हिमालयन क्षेत्र में 1 जुलाई से बारिश का दौर शुरू होगा। इसका असर पूर्वी यूपी में ही ज्यादा दिखेगा। अभी तक के अनुमान के मुताबिक 1 से 3 जुलाई तक पूर्वी यूपी के ज्यादातर हिस्से में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। पश्चिमी यूपी के लोगों को बारिश के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
बारिश में आयी कमी के कारण तापमान में तो बहुत बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन वातावरण में नमी के कारण उमस बहुत बढ़ गयी है। हवा भी सांत है इसलिए तकलीफ और बढ़ती जा रही है। हालांकि मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक बिहार की सीमा से लगे पूर्वांचल के कुछ जिलों में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। देवरिया, कुशीनगर, बलिया, मऊ और आजमगढ़ में बारिश से थोड़ी राहत मिल सकेगी।
पिछले 24 घण्टे के बारिश के आंकड़े देखें तो हालात निराशाजनक ही हैं। सिर्फ दो जिलों में बारिश दर्ज की गयी है और वह भी बहुत कम। चुर्क में 5.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी, जबकि उरई में इतना भी पानी नहीं बरसा कि उसे रिकार्ड किया जा सके। प्रदेश के बाकी किसी जिले में बारिश दर्ज नहीं की गयी है।