पिछले कई दिनों से देश में छात्रों के आत्महत्या की खबरें काफी ज्यादा सामने आ रही है। इसको लेकर सरकार की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया है। आंकड़े में देखा जा सकता है कि पिछले चार साल में कुल 7,396 छात्रों ने आत्महत्या की है।
पिछले कई दिनों से देश में छात्रों के आत्महत्या की खबरें काफी ज्यादा सामने आ रही है। इसको लेकर सरकार की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया है। आंकड़े में देखा जा सकता है कि पिछले चार साल में कुल 7,396 छात्रों ने आत्महत्या की है। जबकि आत्महत्या करने वाली छात्राओं की संख्या 5693 है। यानी चार साल में 13089 छात्रों ने अपनी जान दे दी है।
सरकार के अनुसार बताया जा रहा है कि साल 2018 से 23 तक आईआईटी (IIT) में 36 छात्रों ने आत्महत्या की, जबकि आईआईएम (IIM) में इस दौरान कुल चार छात्रों ने अपनी जान दे दी। शिक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे संस्थानों में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के आंकड़ों को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है।
इसी तरह से एनआईटी (NIT) के 24, एआईआईएमएस (AIIMS) के 11, केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central University) के 29 छात्रों ने पिछले 6 वर्षो में आत्महत्या की है।
अब छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं के रोकथाम के लिए यूजीसी ने सभी उच्च संस्थानों के लिए एडवाइजरी जारी की है।इसके अन्तर्गत नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन स्ट्रेटजी को लागू करने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार के ओर से हैप्पीनेस और वेलनेस वर्कशॉप, योग क्लासेस और जागरूकता अभियान चलाकर छात्रों को तनाव से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।