भगवान शिव और सावन महीने का संबंध अलौकिक है। सावन को शिव मास कहा जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव से संबंध रखने वाले सभी जीव और वस्तुओं की पूजा की जाती।
Nag Panchmi 2022 : भगवान शिव और सावन महीने का संबंध अलौकिक है। सावन को शिव मास कहा जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव से संबंध रखने वाले सभी जीव और वस्तुओं की पूजा की जाती। शिव भगवान के गले में नाग देवता लिपटे रहते है। प्राचीन काल से ही सनातन धर्म में नागों की पूजा की होती आ रही है। सावन माह में नागपंचमी के दिन सर्प की पूजा की जाती है। इस पूजा में सर्प को दूध और लावा चढ़ाया जाता है। भगवान शिव को भी दूध अर्पित किया जाता है। नागपंचमी इस साल 2 अगस्त 2022, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव-पार्वती के साथ-साथ नाग देवता की पूजा करने की परंपरा है।
ज्योतिष शास्त्र में जातक की कुंडली में काल सर्प दोष के बारे में बताया गया है। इस दोष को दूर करने के उपाय के बारे में बताया गया है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही नाग देवता और शिव जी दोनों की कृपा मिलती है और जीवन के कई संकट-मुसीबत दूर होती हैं।
पूजा मुहूर्त
इस साल नागपंचमी के दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 2 अगस्त, मंगलवार को सुबह 06:05 बजे से 08:41 बजे तक रहेगा। वहीं पंचमी तिथि 2 अगस्त की सुबह 05:13 बजे से शुरू होकर 3 अगस्त की सुबह 05:41 बजे तक रहेगी।