नारादा केस के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को हाउस अरेस्ट के मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट कोर्ट पहुंची है। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है और साथ ही हाईकोर्ट में होने वाली आज की सुनवाई को टालने की मांग भी की है। बता दें कि, 21 मई को हाईकोर्ट की खंडपीठ के जजों में आरोपियों को अंतरिम जमानत देने के मामले में अलग-अलग राय थी।
नई दिल्ली। नारादा केस के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को हाउस अरेस्ट के मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट कोर्ट पहुंची है। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है और साथ ही हाईकोर्ट में होने वाली आज की सुनवाई को टालने की मांग भी की है। बता दें कि, 21 मई को हाईकोर्ट की खंडपीठ के जजों में आरोपियों को अंतरिम जमानत देने के मामले में अलग-अलग राय थी।
जहां एक जज का कहना था कि आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, वही दूसरे जज की राय बिल्कुल उलट थी। यही वजह थी कि खंडपीठ ने सभी आरोपियों को हाउस अरेस्ट में भेजने का निर्णय लिया था। साथ ही खंडपीठ ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया था। वहीं, सीबीआई हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही थी।
मालूम हो कि 17 मई को सीबीआई ने टीएमसी नेता फरियाद हाकीम, सुब्रतो मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को नारदा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि, पश्चिम बंगाल में वर्ष 2016 विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा हुआ था। इसमें दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे।
इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।