पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद वहां पर एक फिर सियासत गर्म हो गयी है। इस बार नारदा स्टिंग ऑपरेशन में हुई दो मंत्रियों व एक विधायक के साथ ही पार्टी के पूर्व नेता की गिरफ्तारी से सियासी भूचाल मचा हुआ है। दरअसल, नारदा केस में सीबीआई ने कार्रवाई की है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद वहां पर एक फिर सियासत गर्म हो गयी है। इस बार नारदा स्टिंग ऑपरेशन में हुई दो मंत्रियों व एक विधायक के साथ ही पार्टी के पूर्व नेता की गिरफ्तारी से सियासी भूचाल मचा हुआ है। दरअसल, नारदा केस में सीबीआई ने कार्रवाई की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में टीएमसी के नेता फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा, पूर्व टीएमसी नेता एवं कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने चारों नेताओं के अभियोजन की मंजूरी के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीश धनखड़ से संपर्क किया था।
दिल्ली में सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि धनखड़ ने सात मई को सभी चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी जिसके बाद सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र को अंतिम रूप दिया और उन्हें गिरफ्तार किया। इसके बाद सत्तारूढ़ टीएमसी ने राज्यपाल पर सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि, नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए।