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Navaratri Navan : नवरात्रि के हवन का ये है विधान,  इसकी सामग्री के बारे में जानिए

मां दुर्गा की कृपा जिस पर हो जाये उसकी किस्मत खुल जाती है। इस बार नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो गई है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Navaratri Navan : मां दुर्गा की कृपा जिस पर हो जाये उसकी किस्मत खुल जाती है। इस बार नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो गई है। चैत्र नवरात्रि में मैया का आगमन अश्व पर सवार होकर हुआ है। नवरात्रि की पूजा को विधिवत पूर्ण करने के लिए आखिरी दिनों में मुहूर्त के अनुसार हवन किया जाता है।हिंदू मान्यताओं के अनुसार हवन हर व्यक्ति को सुख समृद्धि हासिल करने के लिए अवश्य करना चाहिए।

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हवन में मुख्य रूप से आम की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हवन करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है इसके साथ ही वातावरण शुद्ध होता है।  वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक आम की लकड़ी से कार्बन डाइऑक्साइड बहुत कम मात्रा में निकलती है। साथ ही ये अत्यंत ज्वलनशील होती है, इसलिए कम हवा में भी तुरंत जलने लगती है।

हवन करने के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों और वस्‍तुओं की जरूरत पड़ती है। इनमें आम की लकड़ी और पत्ता, पीपल का तना और छाल, गूलर की छाल, बेल, पलाश, चंदन की लकड़ी, नीम, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, चावल, तिल, लौंग, कर्पूर, गाय का घी, गुग्गल, इलायची, लोभान, शक्कर, सुपारी,लौंग,रोली,चावल,चंदन,हल्दी पाउडर,हल्दी की गांठ,धूप, पंच, मेवा लाल कपड़ा, और जौ प्रमुख हैं। इसके साथ ही एक सूखा नारियल या गोला, कलावा या लाल रंग का कपड़ा और एक हवन कुंड का होना भी अति आवश्यक है।

 

 

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