तालिबान (Taliban) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के नए भर्ती हुए सदस्य एशियाई और यूरोपीय देशों से पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्रों में पहुंच रहे हैंं। ये आतंकी कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डों के रास्ते इन क्षेत्रों तक आ रहे हैं, जहाँ उन्हें प्रशिक्षण, फंडिंग और प्रोपेगैंडा फैलाने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
काबुल: तालिबान (Taliban) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के नए भर्ती हुए सदस्य एशियाई और यूरोपीय देशों से पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्रों में पहुंच रहे हैंं। ये आतंकी कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डों के रास्ते इन क्षेत्रों तक आ रहे हैं, जहाँ उन्हें प्रशिक्षण, फंडिंग और प्रोपेगैंडा फैलाने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
तालिबान ने की चेतावनी
तालिबान (Taliban) के सुरक्षा और छानबीन आयोग के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में अफगानिस्तान (Afghanistan) में उन्होंने आतंकवादी संगठनों के कई नेटवर्क को खत्म किया है। तालिबान (Taliban) ने दावा किया है कि कई बड़े आतंकवादी नेता और उनके विदेशी सहयोगी या तो मारे जा चुके हैं या हिरासत में लिए गए हैं। इसके बावजूद, ISIS जैसे संगठन पड़ोसी देशों में पुनर्गठन (Regrouping) कर रहे हैं।
कैसे हो रहा है साजिश का संचालन?
तालिबान (Taliban) का कहना है कि ISIS को बलूचिस्तान (Balochistan) और खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के कुछ खास इलाकों में छुपने का मौका दिया जा रहा है। यहां उन्हें नए सदस्यों की भर्ती, प्रशिक्षण शिविर, फंडिंग, और अन्य प्रकार की मदद दी जा रही है।
इन आतंकियों को एशियाई और यूरोपीय देशों से लाकर इन इलाकों में शरण दी जाती है।
कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डे (Karachi and Islamabad Airports) इनके मुख्य प्रवेश मार्ग हैं।
Taliban says new recruits of ISIS have been coming from Asian, European countries to bases in Pakistan's Balochistan, Khyber Pakhtunkhwa via Karachi, Islamabad airports pic.twitter.com/4HSvlawtpD
— Sidhant Sibal (@sidhant) January 22, 2025
अफगानिस्तान बना मुख्य निशाना
तालिबान (Taliban) के मुताबिक, ISIS और उनके समर्थक अफगानिस्तान में पहले से कायम शांति और स्थिरता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
ये साजिशकर्ता देश में डर और दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और विदेशी निवेशकों को डराने का प्रयास हो रहा है।
इनके मुख्य उद्देश्य में इस्लामी शरिया कानून के क्रियान्वयन को रोकना शामिल है।
तालिबान ने की अपनी सफलता का दावा
तालिबान (Taliban) ने यह भी बताया कि पिछले 12 महीनों में उन्होंने ISIS द्वारा किए गए कई हमलों को विफल किया है। इन हमलों की योजना अधिकतर अफगानिस्तान के बाहर बनाई गई थी। उन्होंने दावा किया कि इन हमलों में शामिल कई विदेशी नागरिक, खासकर पाकिस्तान और ताजिकिस्तान के लोग थे।
क्या होगा आगे?
तालिबान (Taliban) ने संकेत दिया है कि भविष्य में ऐसे आतंकियों को क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान की शांति और सुरक्षा को खत्म करने की इन साजिशों के पीछे विदेशी ताकतें भी हो सकती हैं।