क्षाबंधन पर्व (Raksha Bandhan Festival) पर हरियाणा में हांसी के गांव ढंढेरी में अपने शहीद भाई की प्रतिमा की कलाई पर राखी बांधी तो बहनों आंखों से आंसू छलक आए। बहनाें ने अपने भाई की प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर भगवान से प्रार्थना की। कहा हमें हर बार निशांत जैसा भाई ही देना। बता दें कि पिछले वर्ष 11 अगस्त 2022 रक्षा बंधन (Raksha Bandhan ) के दिन राजौरी में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए निशांत मलिक शहीद हो गए थे।
नई दिल्ली। रक्षाबंधन पर्व (Raksha Bandhan Festival) पर हरियाणा में हांसी के गांव ढंढेरी में अपने शहीद भाई की प्रतिमा की कलाई पर राखी बांधी तो बहनों आंखों से आंसू छलक आए। बहनाें ने अपने भाई की प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर भगवान से प्रार्थना की। कहा हमें हर बार निशांत जैसा भाई ही देना। बता दें कि पिछले वर्ष 11 अगस्त 2022 रक्षा बंधन (Raksha Bandhan ) के दिन राजौरी में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए निशांत मलिक शहीद हो गए थे। तीनों बहनों के इकलौते भाई निशांत मलिक (Nishant Malik) पिछले रक्षाबंधन पर्व (Raksha Bandhan Festival) पर बहनों से दूर चला गया था।
आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan ) के दिन तीनों बहनें किरण, ज्योति व नीरज ने अपने पिता जयबीर सिंह मलिक, मां राजबाला के साथ गांव ढंढेरी के सरकारी स्कूल में पहुंची। प्रतिमा पर तिलक लगाकर उनके हाथ पर राखी बांधी। तीनों को ने राखी का त्यौहार नहीं मनाया। शहीद की बहन काफी भावुक नजर आई। शहीद निशांत मलिक (Martyr Nishant Malik) 21 वर्ष की आयु में देश के लिए शहीद हो गया था। निशांत तीनों बहनों का इकलौता छोटा भाई था। राजौरी में निशांत मलिक (Nishant Malik) ने कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा था।
हर जन्म में मिले निशांत भाई
शहीद की छोटी बहन नीरज जब अपने भाई की प्रतिमा की कलाई पर राखी बांध रही थी, तब उनकी आंखो में आंसू छलक रहे थे। आंसू छलकाते हुए बोली निशांत भाई पर हमें गर्व है। उन्होंने अपने परिवार की ना सोचते हुए देश के लिए जान कुर्बान कर दी। हर जन्म में निशांत ही भाई मिले।
तीनों बहनों का लाडला था निशांत
ज्योति मलिक ने कहा कि निशांत हम तीनों बहनों का लाडला भाई था। जिस दिन निशांत मलिक शहीद हुआ था। तब उससे एक दिन पहले वीडियो कॉल पर बात हुईं थीं। निशांत ने कहा था मैं घर नहीं आ सकता रक्षा बंधन के दिन वीडियो कॉल करके राखी बांधनी थीं।
छोटे बहन की शादी के लिए गाड़ी करवाई थी बुक
किरण ने बताया कि छोटी बहन की नवंबर में शादी होनी थीं। बहन को शादी में गिफ्ट देने के लिए गाड़ी बुक करवाई थी। हमनें कहा भाई मजाक तो नहीं कर रहा है बोला तुम्हारा लाडला भाई हूं और मजाक तो करता हूं। हकीकत में निशांत ने गाड़ी बुक करवाई थी। निशांत ने कहा था कि बहन नीरज की शादी बड़े धूम धाम के साथ करवाऊंगा।
प्रतिमा पर राखी बांधकर मिलता है सुकून
राखी बांधने के बाद शहीद की बहन ने तिरंगा लहरा कर भाई को याद किया। उन्होंने कहा कि उसे रक्षाबंधन पर अपने भाई की बहुत याद आती है। उसकी शहादत पर उसे गर्व भी है, क्योंकि उसने अपने देश की रक्षा के लिए जान दी है। क्योंकि ये बहनों का एक बहुत बड़ा पर्व है तो भले ही निशांत आज हमारे पास मौजूद ना हो, लेकिन इस पर्व पर मैं उनकी प्रतिमा की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें याद करते हैं।