साल 2008 में आईपीएल की शुरुआत भारत में हुई थी। इस लीग से जुड़ी एक ऐसी खबर हम आपको बताने जा रहे हैं जो आप को सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर ऐसा हुआ होता तो क्या होता। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम आईपीएल की दूसरी सबसे सफल टीम है। चेन्नई ने अब तक चार खिताबी जीत हासिल की है।
नई दिल्ली। साल 2008 में आईपीएल(IPL) की शुरुआत भारत में हुई थी। इस लीग से जुड़ी एक ऐसी खबर हम आपको बताने जा रहे हैं जो आप को सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर ऐसा हुआ होता तो क्या होता। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम आईपीएल की दूसरी सबसे सफल टीम है। चेन्नई ने अब तक चार खिताबी जीत हासिल की है। जब से चेन्नई की टीम अस्तित्व में है तब से टीम की कमान भारत के महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni) के हांथों में है।
लेकिन आपको बता दें कि धोनी चेन्नई की फ्रेंचाइजी की पहली पसंद नहीं थे। धोनी को सीएसके ने पहली बार 6 करोड़ रुपये में खरीदा था। वो साल 2008 से ही उनके पंसदीदा खिलाड़ी रहे हैं। हर आईपीएल मेगा नीलामी से पहले उन्हें चेन्नई ने रिटेन रखा है। इंटरनेशन क्रिकेट(Inrenational Cricket) से संन्यास लेने के बाद भी वो टीम से जुड़े हैं। ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सीएसके(CSK) की पहली पंसद नहीं थे। उनकी पहली पसंद वीरेंद्र सहवाग थे, लेकिन योजनाओं को बदलना पड़ा।
यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए, सीएसके के पूर्व बल्लेबाज सुब्रमण्यम बद्रीनाथ(Badrinath) ने खुलासा किया था कि फ्रेंचाइजी ने 2008 में धोनी को नहीं बल्कि वीरेंद्र सहवाग को खरीदने का फैसला किया था। उन्होंने कहा,’सीएसके मैनेजमेंट ने (आईपीएल 2008 से पहले) सहवाग को चुनने का फैसला किया था, लेकिन सहवाग ने खुद कहा था कि उनकी परवरिश दिल्ली(Delhi) में हुई है।
इसलिए उनका (दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ) बेहतर संबंध होगा। मैनेजमेंट सहवाग(Virendra Sahwag) के लिए राजी हो गया ये सोचकर कि उनसे बेहतर कौन होगा। फिर नीलामी हुई, और उन्होंने देखा कि कौन बेहतर खिलाड़ी है। इससे पहले भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। और उसके बाद ही उन्होंने धोनी को साइन करने का फैसला किया।’