मध्य प्रदेश सरकार ने आदि शंकराचार्य की समृतियां सहेजने और विश्व में उनके संदेशों को फैलाने के लिए आदि शंकर की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने जा रही है।
Omkareshwar Shankaracharya tall statue: मध्य प्रदेश सरकार ने आदि शंकराचार्य की समितियां सहेजने और विश्व में उनके संदेशों को फैलाने के लिए आदि शंकर की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने जा रही है। महान दार्शनिक एवं धर्म प्रवर्तक की विशाल प्रतिमा 54 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित की जाएगी। खास बात है कि जिस कंपनी ने गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और दुबई की बुर्ज खलीफा जैसी इमारतों को बनाने में सहयोग किया है, उसी कंपनी को इस प्रतिमा को बनाने का काम सौंपा जाएगा। आदि शंकर ने अद्वैत वेदान्त को ठोस आधार प्रदान किया। उनकी भगवद्गीता, उपनिषदों और वेदांत सूत्र पर लिखी हुई इनकी टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं।
मुख्य द्वार जगन्नाथ पुरी मंदिर के द्वार जैसा तैयार किया जाएगा
आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान,अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र संदर्भ केंद्र और समन्वय केंद्र होगा। संस्थान के अंतर्गत सात केंद्र (स्कूल) स्थापित किए जा रहे हैं। इस केंद्र का मुख्य द्वार जगन्नाथ पुरी मंदिर के द्वार जैसा तैयार किया जाएगा।
लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन होगा
एक मल्टी मीडिया आधारित म्यूजियम बनाए जाएगा। जहां पर आचार्य शंकराचार्य की शिक्षाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन होगा। जहां पर जगत गुरु शंकराचार्य की शिक्षाओं को साधारण भाषा में बच्चों से लेकर बड़ों को आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया जाएगा।
2023 में तैयार कर लिया जाय
पूरी परियोजना पर करीब 2000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार की योजना है कि इसे अगले डेढ़ साल यानी 2023 में तैयार कर लिया जाय। सरकार का अनुमान है प्रतिदिन 50 हजार पर्यटक आएंगे। और उसी आधार पर केंद्र को डिजाइन किया गया है। इसी तरह एक बार में 5000 लोग लाइट एंड शो देख सकेंगे। साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।