Operation Blue Star Anniversary : ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर सोमवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में जमकर हंगामा हुआ है। खबर है कि मंदिर में भीड़ ने खालिस्तान समर्थक नारे (Pro-Khalistan slogans) लगाए गए हैं। इतना ही नहीं लोग खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले (Khalistani separatist Jarnail Singh Bhindranwale) की तस्वीरें लेकर भी नजर आए। खास बात है कि 28 साल पहले भारतीय सेना (Indian Army) ने हरमंदिर साहिब (Harmandir Sahib) में प्रवेश कर भिंडरावाले (Bhindranwale) को ढेर कर दिया था।
Operation Blue Star Anniversary : ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर सोमवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में जमकर हंगामा हुआ है। खबर है कि मंदिर में भीड़ ने खालिस्तान समर्थक नारे (Pro-Khalistan slogans) लगाए गए हैं। इतना ही नहीं लोग खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले (Khalistani separatist Jarnail Singh Bhindranwale) की तस्वीरें लेकर भी नजर आए। खास बात है कि 28 साल पहले भारतीय सेना (Indian Army) ने हरमंदिर साहिब (Harmandir Sahib) में प्रवेश कर भिंडरावाले (Bhindranwale) को ढेर कर दिया था।
बता दें कि लोगों का एक समूह अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के प्रवेश द्वार पर जुटा। इस दौरान खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए और भिंडरावाले (Bhindranwale) के पोस्टर दिखाए गए। एक समाचार एजेंसी ने इस घटना का वीडियो भी जारी किया है।
जानें क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार?
आज ही के दिन साल 1984 में भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) के तहत स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में प्रवेश किया था। यह ऑपरेशन भिंडरावाले (Operation Bhindranwale) और अन्य हथियारबंद आतंकियों को ढेर करने के लिए शुरू किया गया था, जो मंदिर परिसर में छिपे हुए थे। इस ऑपरेशन में सेना को सफलता तो मिली, लेकिन कई आम नागरिकों की भी मौत हो गई थी। बता दें कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को अलगाववादियों से आजाद कराने के लिए चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार को 38 साल पूरे हो गए हैं। 6 जून, 1984 को देर रात जरनैल सिंह भिंडरावाले (अलगाववादी नेता) की मौत के बाद लाश मिलने पर ऑपरेशन ब्लू स्टार खत्म हो गया था। अगले चार दिनों तक पूरे स्वर्ण मंदिर और उसके-आसपास के इलाकों को सेनिटाइज किया गया था। इस पूरे ऑपरेशन में 83 सैनिक मारे गए थे, जिसमें तीन सेना के अफसर थे। इस दौरान 492 लोग मारे गए थे, जबकि 248 लोग घायल हुए थे। उस समय पंजाब को भारत से अलग कर ‘खालिस्तान’ राष्ट्र बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। इसलिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था।
सुरक्षा को लेकर मुस्तैद थी सरकार
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) ने शनिवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की थी। कहा कि शांति बनाए रखने के लिए पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मान ने पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य भर में छह जून से पहले व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी किसी भी कीमत पर राज्य में मुश्किल से अर्जित शांति को भंग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पंजाब को देश में एक शांतिपूर्ण और अग्रणी राज्य बनाने को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा।
मान ने कहा कि राज्य की प्रगति और समृद्धि में बाधा डालने वाली कुछ ताकतें शांति को पटरी से उतारने की लगातार कोशिश कर रही हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार इस तरह के किसी भी नापाक कदम को सफल नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है और राज्य में शांति बनाए रखने में उसकी सहायता के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।