पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर बेतुका बयान देते हुए आतंक फैलाने का आरोप भारत पर ही जड़ दिया है। इसके साथ ही अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर तालिबान को क्लीनचिट दे दिया है। इसके बाद वह अपने इस बयान को लेकर वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के ही नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर बेतुका बयान देते हुए आतंक फैलाने का आरोप भारत पर ही जड़ दिया है। इसके साथ ही अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर तालिबान को क्लीनचिट दे दिया है। इसके बाद वह अपने इस बयान को लेकर वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के ही नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
बता दें कि कुरैशी ने हाल ही में अफगानिस्तान के टोलो न्यूज के साथ इंटरव्यू में ये बातें कही है। चैनल ने उनके इंटरव्यू के कुछ अंश को ट्विटर पर पोस्ट किया है। अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी पर भी कुरैशी ने सवाल उठाए है। अफगानिस्तान में हिंसा को लेकर जब कुरैशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
तो कुरैशी ने कहा कि ‘दाएश, अफगानिस्तान के भीतर की ताकतों की तरह, आर्थिक जंग से किसे फायदा है, कौन अपनी ताकत को कायम रखना चाहते हैं, कौन हैं जो अपनी नाक से आगे नहीं देख रहे हैं और सिर्फ सत्ता में बने रहना चाहते हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठानों की बात को दोहराते हुए उन्होंने अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी पर सवाल उठाए और कहा कि भारत की मौजदूगी जरूरत से ज्यादा है और भारत अफगानिस्तानी धरती से आतंकी गतिविधि चला रहा है।
कुरैशी ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि उनकी मौजदूगी जरूरत से अधिक है, जबकि आपकी सीमा साझा नहीं है। हमें इसकी परवाह होगी यदि भारत आपकी धरती (अफगानिस्तान) का इस्तेमाल हमारे खिलाफ करता है। जब उनसे पूछा गया कि भारत किस तरह अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर रहा है तो कुरैशी ने कहा, ”हां, वे आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं।
भारत की ओर से अभी इस पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन भारत ने पहले भी इस्लामाबाद के इन आरोपों को खारिज कर चुका है कि नई दिल्ली अफगानिस्तान का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर रहा है। बता दें कि भारत इस समय अफगानिस्तान के लिए सबसे बड़ा क्षेत्रीय मददगार है।
कुरैशी अपने बयान पर पाकिस्तान में भी घिर गए हैं। पाकिस्तान के पूर्व सांसद और पश्तून एक्टिविस्ट अफरासियाब खट्टक ने कहा कि तालिबान को विदेश मंत्री की आवश्यकता नहीं होगी, जब उनके पास कुरैशी पहले से मौजूद हैं। उधर, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बेख़बर, अज्ञानी या तालिबान के सहयोगी हैं।