कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का निधन हो गया है। पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज का दिल का दौड़ा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली।
Kathak Samrat Pandit Birju Maharaj : प्रसिद्ध कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का निधन हो गया है। पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज का दिल का दौड़ा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली। बिरजू महाराज की तबीयत खराब होने के बाद दिल्ली के साकेत अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। बिरजू महराज का अंतिम संस्कार दिल्ली में लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में किया जाएगा। हालांकि अभी समय तय नहीं है।
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मालिनी अवस्थी ने लिखा कि आज भारतीय संगीत की लय थम गई।
आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नही रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।
आह!अपूर्णीय क्षति है यह
ॐ शांति🙏 pic.twitter.com/dLBEy5aPqR— मालिनी अवस्थी Malini Awasthi (@maliniawasthi) January 17, 2022
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अदनान सामी ने सोशल मीडिया पर लिखा- महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से बहुत ज्यादा दुखी हूं। आज हमने कला के क्षेत्र का एक अनोखा संस्थान खो दिया। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है।
Extremely saddened by the news about the passing away of Legendary Kathak Dancer- Pandit Birju Maharaj ji.
We have lost an unparalleled institution in the field of the performing arts. He has influenced many generations through his genius.
May he rest in peace.🙏🖤#BirjuMaharaj pic.twitter.com/YpJZEeuFjH— Adnan Sami (@AdnanSamiLive) January 16, 2022
लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी मशहूर कथक नर्तक थे।काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी। साल 2012 में विश्वरूपम फिल्म में डांस कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2016 में बाजीराव मस्तानी के ‘मोहे रंग दो लाल’ गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
पिछले साल उनके जीवन पर नृत्य सम्राट पं बिरजू महाराज नामक एक पुस्तक को लॉन्च किया गया था। यह पुस्तक दुनिया भर के उनके शिष्यों, सहयोगियों, प्रशंसकों और वरिष्ठ कलाकारों, सहयोगियों और शुभचिंतकों द्वारा लिखे गए 96 (अंग्रेजी में 22 और हिंदी में 70) लघु निबंधों का संकलन है। इसे बिरजू महाराज के एक वरिष्ठ शिष्य नंदकिशोर कपोटे ने तैयार किया है।