Parliament Winter Session: आज (8 दिसंबर) लोकसभा में देश के राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा होने वाली है। लोकसभा की कार्यसूची में 'राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा' को शामिल किया गया है और यह चर्चा 10 घंटे तक चलने वाली है। जिसकी शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से होने वाली है। जबकि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे वक्ता होंगे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी समेत कई सांसदों के चर्चा में हिस्सा लेने की उम्मीद हैं।
Parliament Winter Session: आज (8 दिसंबर) लोकसभा में देश के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा होने वाली है। लोकसभा की कार्यसूची में ‘राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा’ को शामिल किया गया है और यह चर्चा 10 घंटे तक चलने वाली है। जिसकी शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से होने वाली है। जबकि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे वक्ता होंगे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी समेत कई सांसदों के चर्चा में हिस्सा लेने की उम्मीद हैं।
‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा के दौरान मोदी सरकार इसकी ऐतिहासिकता, स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय प्रासंगिकता पर ज़ोर देगी। इसके अलावा, 1937 में कांग्रेस द्वारा हटाई गई कुछ पंक्तियों को लेकर मुख्य विपक्षी दल को घेरने की भी कोशिश होगी। दूसरी तरफ, कांग्रेस राज्यसभा सेक्रेटेरिएट के बुलेटिन पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी जिसमें ‘वंदे मातरम’ समेत कई नारों को लगाने पर पाबंदी लगाई गयी है। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा, “…प्रधानमंत्री आज इस पर चर्चा करेंगे, लेकिन राज्यसभा सेक्रेटेरिएट के बुलेटिन, पार्ट टू, 65855, हैंडबुक ऑफ़ मेंबर्स फॉर राज्यसभा में कहा गया है कि वंदे मातरम गाना पार्लियामेंट की मर्यादा के खिलाफ है।”
सुखदेव भगत ने आगे कहा, क्या यह एक बड़ी उलटी बात नहीं लगती?… यह ठीक है कि इस पर चर्चा हो रही है… लेकिन जब राष्ट्रगान बजता है तो हमारे प्रधानमंत्री वहां टहलते हुए दिखते हैं… वंदे मातरम डरने की बात नहीं है, बल्कि यह ऐसी चीज़ है जिस पर हमें गर्व है। लेकिन जिस तरह से उन्होंने इसके शब्दों का इस्तेमाल किया है, उसने इसे पॉलिटिक्स बना दिया है। यह ठीक नहीं है, और आज हम उम्मीद करते हैं कि पार्लियामेंट में इल्ज़ाम लगाने के बजाय, हमारी कहानी, हमारी बहादुरी पर चर्चा होनी चाहिए…”