ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान और यूनिसेफ के ऑस्ट्रेलिया राजदूत पैट कमिंस (Pat Cummins) ने लखनऊ के सरकारी स्कूल, बेसिक विद्यालय औरंगाबाद (Basic School Aurangabad) का दौरा किया। पैट ने छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की और स्कूल में क्रिकेट भी खेला।
लखनऊ : ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान और यूनिसेफ के ऑस्ट्रेलिया राजदूत पैट कमिंस (Pat Cummins) ने लखनऊ के सरकारी स्कूल, बेसिक विद्यालय औरंगाबाद (Basic School Aurangabad) का दौरा किया। पैट ने छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की और स्कूल में क्रिकेट भी खेला। विश्व कप मैच (World Cup Match) खेलने के लिए लखनऊ में आए कमिंस ने छात्रों के साथ समय कुछ समय बिताया और उनकी शिक्षा और उनकी आकांक्षाओं के बारे में जाना।
बेसिक विद्यालय औरंगाबाद (Basic School Aurangabad) , लखनऊ के छात्र उन्हें अपनी कक्षा ‘लर्निंग बाय डूइंग’ में शामिल कर उत्साहित हुए। ‘लर्निंग बाय डूइंग’ को यूनिसेफ द्वारा समग्र शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार और स्टार्स फोरम के सहयोग से डिजाइन किया है। लर्निंग बाय डूइंग (एलबीडी) कार्यक्रम शिक्षा को व्यावहारिक कौशल के साथ जोड़ता है और शिक्षा को बच्चों के लिए रुचिकर बनाता है। इससे 11-14 वर्ष की आयु के छात्रों को स्कूल में नियमित आने के लिए प्रोत्साहन मिलता है और स्कूल ड्रॉप आउट की समस्या को रोकने में सहायता मिलती है।
उन्होंने कहा कि मैंने स्कूल में कई मज़ेदार चीज़ें सीखी हैं। पहले स्कूल का मतलब सिर्फ क्लास, होमवर्क और परीक्षा था, लेकिन अब, मैं सीख रहा हूं कि सब्जियां कैसे उगाई जाती हैं? मैं मरम्मत के कार्यों के बारे में भी सीख रहा हूँ। कक्षा 7 की छात्रा 13 वर्षीय सपना ने कहा कि मैं चिक्की (मूंगफली और गुड़ से बना एक लोकप्रिय नाश्ता) भी बना सकती हूं जो आयरन से भरपूर है और एनीमिया को रोकने में मदद करती है।
पैट कमिंस (Pat Cummins) ने कहा कि मेरे माता-पिता कभी स्कूल नहीं गए। लेकिन मैं कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने और आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार को गौरवान्वित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। सपना ने कहा कि हमें बहुत अच्छा लगा कि पैट कमिंस (Pat Cummins) ने हमारे स्कूल आए और हमसे बात चीत की। उन्होंने हमारे सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने हमसे कहा कि हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए, अभ्यास करना चाहिए और हर दिन मौज-मस्ती करनी चाहिए। यूनिसेफ (UNICEF) के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के 60 स्कूलों में ‘लर्निंग बाय डूइंग’ कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। यूनिसेफ, उत्तर प्रदेश के प्रोग्राम मैनेजर, डॉ अमित मेहरोत्रा, ने बताया की ‘लर्निंग बाय डूइंग’ को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष से राज्य भर के 1772 स्कूलों तक बढ़ाया जा रहा है।
छात्रों ने पैट कमिंस (Pat Cummins) को ‘लर्निंग बाय डूइंग’ के अंतर्गत किए गए अपने कार्य दिखाए। ‘लर्निंग बाय डूइंग’ के कार्यों में इंजीनियरिंग, कृषि, गृह, पोषण और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी गतिविधियां शामिल हैं। छात्रों ने पैट कमिंस (Pat Cummins) एक इलेक्ट्रिक कार और ट्रेन दिखाई जो उन्होंने बेकार प्लास्टिक की बोतलों से बनाई थी और साथ ही एक सोलर कुकर भी दिखाया जिसका उपयोग चावल पकाने के लिए किया जा सकता है।
लड़कियों ने उनसे ‘मीना मंच’ के बारे में बात की, जो एक किशोर सहकर्मी सहायता मंच है जो लड़कियों और लड़कों को लैंगिक समानता, आत्मसम्मान, घरेलू हिंसा, बाल विवाह आदि पर खुली चर्चा और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देता है। दो लड़कियों ने जूडो और आत्मरक्षा कौशल का प्रदर्शन किया और बताया कि कैसे उन्होंने अपने दोस्तों को छेड़छाड़ से बचाने के लिए इनका उपयोग किया है।
पैट कमिंस (Pat Cummins) ने कहा कि शिक्षा बच्चों को जीवन में सबसे अच्छी शुरुआत देती है। यूनिसेफ द्वारा बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के साथ ही कुछ व्यावहारिक कौशल सीखाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। आज सभी छात्रों से मिलकर खुशी हुई। छात्रों ने कमिंस को आत्मसम्मान पर यूनिसेफ द्वारा विकसित कॉमिक पुस्तकें दिखाईं। स्कूल की प्रिंसिपल उर्मिला चतुर्वेदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “सकारात्मक शारीरिक छवि और आत्म-सम्मान छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करता है जो उन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में मदद करता है।
एलबीडी के बारे में बताते हुए, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के शिक्षा अधिकारी, रवि राज दयाल ने कहा कि एलबीडी मॉड्यूल को एकीकृत तरीके से विकसित किया गया है जिसमें स्कूल पाठ्यक्रम को इन मॉड्यूल के साथ मैप किया गया है। इससे आयु-उपयुक्त लर्निंग औटकम को कवर किया जा सकता है।