सनातन धर्म में पीपल को दैवीय वृक्ष माना जाता है। पीपल का वृक्ष पर्यवारण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस विशाल वृक्ष की शीतल छाया जीव जगत में निवास करने वाले जीवों को छाया प्रदान करती है।
Peepal Vrksh In Astrology : सनातन धर्म में पीपल को दैवीय वृक्ष माना जाता है।पीपल का वृक्ष पर्यवारण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस विशाल वृक्ष की शीतल छाया जीव जगत में निवास करने वाले जीवों को छाया प्रदान करती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के वृक्ष की पूजा होती आ रही है। ऐसीि मान्यता है कि इस वृक्ष में त्रिदेव यानी जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शिव का वास होता है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रह दोष के लिए पीपल की पूजा उपाय बताया गया है।
पीपल के वृक्ष का मंत्र
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
1.ज्योतिष के अनुसार, पीपल के पत्ते से जुड़े कुछ खास उपायों को करने से व्यक्ति के जीवन से दुर्भाग्य दूर हो जाता है।
2.सभी कार्यों में सफलता पाने के लिए पीपल के 11 पत्तों पर कुमकुम, अष्टगंध या चंदन मिलाकर श्री राम का नाम लिखें। पत्तों की एक माला बना लें और हनुमान मंदिर में हनुमान जी को अर्पित कर दें।
3.धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे शिवलिंग स्थापित करना विशेष फलदाई होता है। पीपल के पेड़ के नीचे बने शिवलिंग की जो भी व्यक्ति नियमित रूप से पूजा करता है उसके जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।
4.शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करना चाहिए और सरसों के तेल का दीपक जलना चाहिए। ऐसा करने से शनि की दशा समाप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।