देश में कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम में लाभार्थियों की उम्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को याचिका दाखिल की गई है। इस जनहित याचिका में देश में 18 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाए जाने की मांग की गई है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम में लाभार्थियों की उम्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को याचिका दाखिल की गई है। इस जनहित याचिका में देश में 18 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाए जाने की मांग की गई है। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में काफी समय से वैक्सिनेशन के मामले में उम्र कम किए जाने की मांग उठ रही है। फिलहाल देश में तीसरे चरण का टीकाकरण जारी है। इसमें 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एड्वोकेट रश्मि सिंह ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के काबू करने के लिए सभी युवा और काम करने वाले वर्ग को वैक्सीन लगाया जाना जरूरी है। याचिका के अनुसार, वैक्सीन को दोनों डोज में पहले ही 6 से 8 हफ्तों का समय लगता है। ऐसे में जब तक वैक्सीन 18 साल या इससे ज्यादा की उम्र के लोगों तक पहुंचेगी, तो कोविड-19 तेजी से फैल सकता है और हालात खराब हो सकते हैं।
याचिका में 18-45 उम्र के शामिल न करने को मनमाना बताया गया है। कहा गया है कि 18-45 साल की आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन के लिए मना करना मनमाना, ‘भेदभाव पूर्ण और अकारण’ है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इनकार करना जीवन और स्वास्थ्य के हकों का उल्लंघन है। साथ ही इस याचिका में जानकारों का हवाला भी दिया गया है।
याचिका में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत कई एक्सपर्ट्स की बातों को शामिल किया गया है। IMA ने कोविड-19 टीकाकरण को बढ़ाने की मांग की थी। कुछ एक्सपर्ट्स ने सलाह दी है कि हालात का सामना करने के लिए भारत को कम से कम 1 करोड़ डोज रोज लगाने की जरूरत है। केंद्र सरकार फिलहाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगा रही है।