अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'अंबेडकर जयंती' के पावन अवसर पर आगामी 8 अप्रैल से 14 अप्रैल तक 'समाजवादी बाबासाहेब अम्बेडकर वाहिनी' एवं 'समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ' के संयुक्त तत्वावधान में सपा के सभी कार्यालयों, सभी जन प्रतिनिधियों के स्थानीय व आवासीय कार्यालयों में 'स्वाभिमान-स्वमान समारोह' आयोजित किया जाएगा।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि, अंबेडकर जयंती के अवसर पर पार्टी अपने सभी कार्यालयों, सभी जन प्रतिनिधियों के स्थानीय व आवासीय कार्यालयों में ‘स्वाभिमान-स्वमान समारोह’ आयोजित करेगी। पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी, पीडीए की एकजुटता ही सुनहरा भविष्य बनाएगी। आइए पीडीए के इस ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के संघर्ष को समारोह में बदल दें।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘अंबेडकर जयंती’ के पावन अवसर पर आगामी 8 अप्रैल से 14 अप्रैल तक ‘समाजवादी बाबासाहेब अम्बेडकर वाहिनी’ एवं ‘समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ’ के संयुक्त तत्वावधान में सपा के सभी कार्यालयों, सभी जन प्रतिनिधियों के स्थानीय व आवासीय कार्यालयों में ‘स्वाभिमान-स्वमान समारोह’ आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, पीडीए समाज के समस्त सदस्यों से आह्वान है कि वो एकजुट होकर बाबासाहेब की देन व धरोहर ‘संविधान और आरक्षण’ बचाने के पीडीए के आंदोलन को नई ताक़त प्रदान करें व इस अवसर पर संगोष्ठियों और संभाषणों के माध्यम से दोहराएं कि ‘संविधान ही संजीवनी’ है और ‘संविधान ही ढाल है’ और ये भी कि जब तक संविधान सुरक्षित रहेगा, तब तक हम सबका मान-सम्मान-स्वाभिमान और अधिकार सुरक्षित रहेगा।
#PDA#SwabhimaanSwamaanSamaroh pic.twitter.com/7ea2cpB8kc
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 5, 2025
पढ़ें :- ईडी कोई परचून की दुकान नहीं, उस पर 140 करोड़ लोगों का है भरोसा...अखिलेश यादव के बयान पर केशव मौर्य का पलटवार
साथ ही, ‘स्वमान’ के तहत हम अपने सौहार्दपूर्ण, पंथ निरपेक्ष, लोकतांत्रिक मानक और मूल्यों के साथ ही अपनी ‘स्वयं की एकता’ के मूल्य को समझकर, इस पीडीए रूपी एकजुटता की परिवर्तनकारी शक्ति का भी मान बखूबी समझें। ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के माध्यम से ही पीडीए समाज के सदस्य अपनी निर्णायक शक्ति हासिल करके स्वाभिमान से जीने का हक़-अधिकार पा पाएंगे और दमनकारी, उत्पीड़नकारी, वर्चस्ववादी, प्रभुत्ववादी, शक्तिकामी नकारात्मक ताक़तों को सांविधानिक जवाब दे पाएंगे। पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी, पीडीए की एकजुटता ही सुनहरा भविष्य बनाएगी। आइए पीडीए के इस ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के संघर्ष को समारोह में बदल दें।