दूसरे देशों की तुलना में भारत में हादसे से सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। इसलिए लोगों को हादसों से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं। लेकिन हादसों में कई बार बड़ी वजह कार के टायर से जुड़ी होती है। दरअसल, कार में सही एयर प्रेशर (Air Pressure) न होने पर सड़क या हाईवे में एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार तेज रफ्तार कार टायर फटने से हादसे का शिकार हो जाती है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि कार में एयर प्रेशर (Air Pressure) कितना होना चाहिए।
Car Tyre Pressure Tips : दूसरे देशों की तुलना में भारत में हादसे से सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। इसलिए लोगों को हादसों से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं। लेकिन हादसों में कई बार बड़ी वजह कार के टायर से जुड़ी होती है। दरअसल, कार में सही एयर प्रेशर (Air Pressure) न होने पर सड़क या हाईवे में एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार तेज रफ्तार कार टायर फटने से हादसे का शिकार हो जाती है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि कार में एयर प्रेशर (Air Pressure) कितना होना चाहिए।
कार में सही टायर प्रेशर मेंटेन न होने पर ड्राइविंग के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। टायरों में एयर प्रेशर (Air Pressure) कम होने के वजह से स्टेबिलिटी बिगड़ सकती है। टायर फट या कट सकता है या फिर कई जगह पंक्चर भी हो सकते हैं। ऐसे में एयर प्रेशर (Air Pressure) का सही पैमाना जानना बेहद जरूरी है। टायर में एयर प्रेशर को पीएसआई यानी पाउंड्स पर स्क्वायर इंच में मापा जाता है।
वहीं, कार के टायर के लिए 32-35 पीएसआई (PSI) एयर प्रेशर को सामान्य माना जाता है। इससे कम या ज्यादा प्रेशर (Less or More Air Pressure) रखना खतरनाक साबित हो सकता है। कोल्ड टायर में प्रेशर का सही माप मिलता है, यानि प्रेशर चेक करने के 1-2 घंटे पहले कार चली नहीं होनी चाहिए। क्योंकि कार के चलने से हवा गर्म होकर फ़ैल जाती है। ऐसे में सही माप नहीं मिलता।
टायर के एयर प्रेशर को मापने के लिए आप टायर इन्फ्लेटर (Tyre Inflator) रख सकते हैं। कई कारों में इन्फ्लेटर किट मिलता है जिसमें एयर प्रेशर पंप भी शामिल होता है। टायर इन्फ्लेटर किट बाजार में सस्ते में मिल जाते हैं और आप पेट्रोल पंप पर भी एयर प्रेशर को चेक करवा सकते हैं।