हर रोज अनगिनत अलग अलग भाषाओं और क्षेत्रों की फिल्में फैंस के सामने पेश की जाती हैं। इन फिल्मों का फैंस को इंतजार भी होता है। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं, जो या तो रिलीज से पहले या फिर रिलीज के बाद विवादों में घिर जाती हैं।
नई दिल्ली: हर रोज अनगिनत अलग अलग भाषाओं और क्षेत्रों की फिल्में फैंस के सामने पेश की जाती हैं। इन फिल्मों का फैंस को इंतजार भी होता है। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं, जो या तो रिलीज से पहले या फिर रिलीज के बाद विवादों में घिर जाती हैं।
आपको बता दें, इन्हीं में से एक है मलयालम फिल्म ‘एक्वेरियम’। ‘एक्वेरियम’ इन दिनों विवादों में है। दरअसल एक कैथोलिक नन ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट से मलयालम फिल्म ‘एक्वेरियम’ की रिलीज पर भावनाएं आहात करने के आधार पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। फिल्म पर एक धर्म की धार्मिक भावनाएं आहात करने का आरोप लगाया है।
दरअसल ‘एक्वेरियम’को लेकर हाईकोर्ट की याचिका में ”ईशनिंदा” और इससे बड़े पैमाने पर ईसाइयों की धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कही गई है। कहा गया है कि फिल्म में ईसाइयों की भावनाओं को आहात करने वाले कंटेंट को दिखाया गया है। आपको बता दें कि यह मलयायल फिल्म ओटीटी प्लेफॉर्म पर 14 मई को रिलीज होनी है।
ऐसे में याचिकाकर्ता नन और पेशे से मनोचिकित्सक जेस्सी मणि ने इस आधार पर फिल्म को रिलीज करने का विरोध किया है। उनके अनुसार इसमें कथित तौर पर ”दो पादरियों के साथ नन के यौन संबंध को दिखाया गया है” फिल्म में सन्नी वायने, हनी रोज और राजश्री पोनप्पा मुख्य भूमिकाओं में हैं. इसके साथ ही याचिकाकर्ता के अनुसार, यह फिल्म 2012-13 में बनी थी और इसका मूल नाम ‘पिथविनम पुथुरानम परिसुधाथमाविनम’ था जिसका मतलब है ”पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा’।
इतना ही नहीं दायक की गई इस याचिका में दावा किया गया है कि बाद में प्रोड्यूसरों ने परिसुधाथमाविनम शब्द हटा दिया और जब उन्होंने सेंसर बोर्ड में प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया तो बोर्ड ने यह देने से इनकार करते हुए कहा कि फिल्म ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है। साथ ही याचिका में कहा गया है कि अब प्रोड्यूसर ‘ओवर-द-टॉप’ (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह फिल्म की रिलीज पर रोक लगाएं या याचिकाकर्ता द्वारा उठाए मुद्दे पर फैसला होने तक इसे स्थगित कर दें।