पिछले 14 महीने से किसान आंदोलन की वजह बने तीनों नए कृषि कानून केंद्र सरकार (agricultural law central government) ने वापस ले लिए हैं। किसानो के आंदोलन (peasant movement) के आगे अब सरकार को झुकना पड़ा।
नई दिल्ली: पिछले 14 महीने से किसान आंदोलन की वजह बने तीनों नए कृषि कानून केंद्र सरकार (Agricultural law central government) ने वापस ले लिए हैं। किसानो के आंदोलन (Peasant movement) के आगे अब सरकार को झुकना पड़ा। आपको बता दें पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों (controversial agricultural laws) को रद्द करने की घोषणा की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा शून्य बजट खेती पर सिफारिश के लिए बहुपक्षीय समिति बनाने का भी ऐलान किया है।
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने देव दिवाली और गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) जी के प्रकाश पर्व के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए आज यहां कहा कि वह नेक नीयत से किसानों की भलाई के लिए ये तीनों कृषि कानून लाए थे। इसके लिए लंबे समय से मांग हो रही थी। उन्होंने कहा कि कुछ किसान, भले ही उनकी संख्या कम हो, उन्होंने इसका विरोध किया। संभवतः यह हमारी तपस्या की कमी थी कि हम उन्हें इन तीनों कानूनों के बारे में समझा नहीं सके।
Addressing the nation. https://t.co/daWYidw609
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2021
मोदी ने कहा कि इन तीनों कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया संसद के इसी सत्र में की जाएगी। संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। उन्होंने किसानों से आंदोलन छोड़ कर अपने-अपने घर वापस जाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी पर चुनाव के लिए समिति में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा राज्य सरकारों, किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञ तथा कृषि अर्थशास्त्री रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं किसानों और ग्रामीण लोगों के लिए पहले से अधिक मेहनत के साथ काम करता रहूंगा।
गौरतलब है कि कृषि मंडी व्यवस्था में सुधार, अनुबंध की खेती में किसानों के हितों की रक्षा के उपाय पर केंद्रीय तीनों कृषि कानूनों को लेकर कई किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर मोर्चाबंदी किये हैं और उनके आंदोलन का करीब एक साल होने वाला है।