PM Modi expressed grief over the death of Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। मलिक के निजी सचिव केएस राणा के अनुसार, 79 वर्षीय मलिक ने आज दोपहर 1.10 बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। सत्यपाल मलिक पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश के कई दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
PM Modi expressed grief over the death of Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। मलिक के निजी सचिव केएस राणा के अनुसार, 79 वर्षीय मलिक ने आज दोपहर 1.10 बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। सत्यपाल मलिक पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश के कई दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा, “श्री सत्यपाल मलिक जी के निधन से दुःखी हूँ। इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।” इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में सत्यपाल मलिक के निधन पर लिखा, “पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन की ख़बर सुनकर बेहद दुख हुआ। मैं उन्हें हमेशा एक ऐसे इंसान के रूप में याद करूंगा, जो आख़िरी वक्त तक बिना डरे सच बोलते रहे और जनता के हितों की बात करते रहे। मैं उनके परिवारजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
Saddened by the passing away of Shri Satyapal Malik Ji. My thoughts are with his family and supporters in this hour of grief. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2025
दो सालों से बिस्तर पर थे सत्यपाल मलिक
आरएमएल अस्पताल के डॉ. हिमांशु महापात्रा ने मलिक के निधन पर कहा, “यह अचानक मृत्यु नहीं थी। वे 79 वर्ष के थे और लगभग दो वर्षों से बिस्तर पर थे। उन्हें लगभग दो महीने और 26 दिन पहले, 11 मई की रात को मूत्रमार्ग और छाती में संक्रमण के कारण यहाँ भर्ती कराया गया था। उस समय, उन्हें साँस लेने में तकलीफ और सेप्टीसीमिया की समस्या थी। वे कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी पीड़ित थे, जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, प्रतिरोधी सामुदायिक-अधिग्रहित निमोनिया (जो पुरानी छाती की समस्याओं वाले लोगों को प्रभावित करता है), हाइपोथायरायडिज्म और अन्य जटिलताएँ शामिल थीं। इन स्थितियों के बावजूद, हमने उन्हें कई एंटीबायोटिक्स दीं और कुछ समय तक जन्मजात मैनिंजाइटिस का इलाज किया।”
डॉ. महापात्रा ने आगे कहा, “उनकी हालत अस्थिर थी, और लगभग 3-4 सप्ताह पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी ट्रेकियोस्टोमी भी की गई थी। इस दौरान, उन्हें गुर्दे की विफलता का अनुभव हुआ, जिसके लिए डायलिसिस किया गया। उन्हें गंभीर सेप्सिस भी हो गया था। शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए हमने कई बार साइटोसॉर्ब थेरेपी दी। हालाँकि कुछ सुधार हुआ था, लेकिन संक्रमण सभी प्रकार की एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल उपचारों का असर नहीं कर रहा था। पिछले 10 दिनों में, उनकी हालत बिगड़ती गई। काफी गंभीर। उन्हें अपना रक्तचाप नियंत्रित रखने के लिए दवा की ज़रूरत थी और उनकी हालत बेहद गंभीर थी। हमने मरीज़ के रिश्तेदारों को उनकी हालत के बारे में सूचित कर दिया था, और उन्होंने भी निदान स्वीकार कर लिया था। दुर्भाग्य से, उनकी बीमारी की लाइलाज प्रकृति के कारण, आज दोपहर लगभग 1:10 बजे उनका निधन हो गया।”
बता दें कि, सत्यपाल मलिक ने छात्र राजनीति से अपनी शुरूआत की थी। बागपत के हिसावदा गांव निवाीस सत्यपाल मलिक मेरठ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान 1965 में छात्र राजनीति में प्रवेश किए थे। इसके बाद वो मेरठ कॉलेज के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष भी चुने गए थे। मलिक जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों के राज्यपाल भी रह चुके थे। इसके साथ ही वो, समाजवादी विचारधार के नेता माने जाते थे।