पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने श्रीहरि से संबोधन शुरू किया। सभी को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार गोरखपुर में मेरी यात्रा विकास का उदाहरण है। अब मैं यहां से गोरखपुर रेलवे स्टेशन (Gorakhpur Railway Station) जाऊंगा। मैंने सोशल मीडिया पर गोरखपुर स्टेशन (Gorakhpur Station) की फोटो डाला तो लोग हैरान हो गए।
गोरखपुर। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने श्रीहरि से संबोधन शुरू किया। सभी को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार गोरखपुर में मेरी यात्रा विकास का उदाहरण है। अब मैं यहां से गोरखपुर रेलवे स्टेशन (Gorakhpur Railway Station) जाऊंगा। मैंने सोशल मीडिया पर गोरखपुर स्टेशन (Gorakhpur Station) की फोटो डाला तो लोग हैरान हो गए। पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि यह गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए मंदिर है। यहां गीता का नाम है, इसका मतलब यहां कृष्ण हैं।
PM Shri @narendramodi addresses centenary celebrations of Gita Press in Gorakhpur, Uttar Pradesh.#VikasBhiVirasatBhi https://t.co/054a5kNGXP
— BJP (@BJP4India) July 7, 2023
गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, 100 वर्षों के विरासत का सम्मान
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है। जो एक संस्था नहीं है, जीवन आस्था है। गीताप्रेस किसी भी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता है। गीता में कृष्ण हैं। गीता प्रेस की धार्मिक पुस्तके लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारी सरकार ने गीता प्रेस (Geeta Press) को गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) दिया है। यह सम्मान गीता प्रेस (Geeta Press) के 100 वर्षों के विरासत का सम्मान है। पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि गीता प्रेस (Geeta Press) एक ऐसी संस्था है, जिसने हमेशा सामाजिक मूल्यों को समृद्ध किया है. लोगों को कर्तव्यपथ का रास्ता दिखाया है। जीवन में सेवा के आदर्शों को मजबूत करने के लिए काम किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधा और सहुलियत की एक नई उड़ान दी है। आज देश के कोने-कोने से नेता मुझे चिट्ठियां लिखकर कहते हैं कि हमारे क्षेत्र से भी वंदे भारत ट्रेन चलाइए। ये वंदे भारत (Vande Bharat) का क्रेज है। पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि संतों की सदस्यता कभी निष्फल नहीं होती। यही संकल्प का परिणाम है कि आज हमारा भारत सफलता के नित नए आयाम छू रहा है। अपना देश विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है। काशी और अयोध्या इसका सटीक उदाहरण हैं। पीएम मोदी का करीब 18 मिनट तक संबोधन चला।