50th Anniversary of Emergency: साल 1975 में 25 और 26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी। जिसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को इमरजेंसी की 50वीं बरसी पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को चौतरफा घेरने के लिए एक मास्टरस्ट्रोक चल दिया है।
50th Anniversary of Emergency: साल 1975 में 25 और 26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी। जिसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को इमरजेंसी की 50वीं बरसी पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को चौतरफा घेरने के लिए एक मास्टरस्ट्रोक चल दिया है।
दरअसल, पीएम मोदी ने लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से इमरजेंसी में झेलीं यातनाओं को साझा करने की अपील की है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ” …. ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में आपातकाल के वर्षों के दौरान मेरी यात्रा का वर्णन है। इसने उस समय की कई यादें ताज़ा कर दीं। मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूँ जो आपातकाल के उन काले दिनों को याद करते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले हैं, वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में जागरूकता पैदा होगी।” इसके साथ पीएम मोदी ने #SamvidhanHatyaDiwas हैशटैग का इस्तेमाल किया गया है।
‘The Emergency Diaries’ chronicles my journey during the Emergency years. It brought back many memories from that time.
I call upon all those who remember those dark days of the Emergency or those whose families suffered during that time to share their experiences on social…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
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गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, “…‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है।”
उन्होंने आगे लिखा, “आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्रविरोधी मानसिकता का परिचायक था। प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बाँध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया। देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाही कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”
‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे… pic.twitter.com/UdGRzNCcgw
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2025
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