महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में एक बार फिर से सियासी भूचाल आ गया है। मुख्मयंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) पिछले करीब 45 दिनों से किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं और न ही दफ्तर आ रहे हैं। इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। बीते दिनों पहले मुख्यमंत्री के गले का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद से वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में एक बार फिर से सियासी भूचाल आ गया है। मुख्मयंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) पिछले करीब 45 दिनों से किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं और न ही दफ्तर आ रहे हैं। इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। बीते दिनों पहले मुख्यमंत्री के गले का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद से वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री (Chief Minister Uddhav Thackeray) के दफ्तर नहीं आने के कारण महाराष्ट्र भाजपा (BJP) के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक उनका स्वास्थ्य सही नहीं है तब तक उन्हें किसी और को अपना कार्यभार सौंप देना चाहिए। साथ ही कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान उनकी अनुपस्थिति सही नहीं मानी जाएगी।
यही नहीं पाटिल (Chandrakant Patil) यहां तक कह दिए कि अगर उन्हें कांग्रेस और NCP पर भरोसा नहीं हो तो वो अपने बेटे आदित्य को प्रभार सौंप सकते हैं। पाटिल ने कहा कि बिना मुख्यमंत्री के प्रशासन नहीं चल सकती है। BJP अध्यक्ष के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, मेरे पिता जी बिल्कुल स्वस्थ हैं और कुछ दिनों में काम पर लौट जाएंगे। उन्होंने पाटिल के बयान को निराधार बताया।