सनातन धर्म में भगवान की पूजा का विशेष महत्व है। इसके लिए खास नियम बताए गए है। मान्यता है कि नियम के अनुसार पूजा पूजा पाठ करने से मनचाही सफलता प्राप्त होती है।
pooja ka diya: सनातन धर्म में भगवान की पूजा का विशेष महत्व है। इसके लिए खास नियम बताए गए है। मान्यता है कि नियम के अनुसार पूजा पूजा पाठ करने से मनचाही सफलता प्राप्त होती है। वैदिक् शास्त्रों के अनुसार, किसी भी पूजा पाठ का आरंभ दीपक जलाकर किया जाता है। यही कारण है। पूजा पाठ में प्रयोग होने वाले दीपक के बारे में नियम बना है। भगवान की पूजा में दिया जलाने से जीवन का अंधकार दूर हो जाता है। आइए किसी जानते है देवी-देवता की पूजा में दीये से जुड़े उपाय और जरूरी नियम के बारे में।
दीपक कभी पश्चिम दिशा में न जलाएं
घर में दीया जलाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह हमेशा भगवान की मूर्ति के सामने हो।
घी का दीपक अपने बाएं तरफ और तेल का दीपक अपने दाएं तरफ रखना चाहिए।
अगर आप तेल का दीपक जला रहे हैं तो बाती लाल धागे से बनी हो।
वहीं अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो रुई की बाती का इस्तेमाल करें।
दीपक कभी पश्चिम दिशा में न जलाएं, इससे गरीबी आती है और तेजी से धन का नाश होता है।
मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं
शाम के वक्त मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपका घर धन-धान्य से भर देती हैं।
दक्षिण दिशा मां लक्ष्मी और यम दोनों का निवास होता है। इसलिए दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर आप एक साथ मां लक्ष्मी और यमराज दोनों को खुश कर सकते हैं।
कुंडली में ग्रह दोष
यदि आपकी कुंडली में किसी तरह का ग्रह दोष है तो रोजाना आटे से बने चार मुख वाले दीपक में तेल डालकर जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है, विशेष तौर पर शनि की साढ़ेसाती के कष्टों से मुक्ति मिलती है