सनातन धर्म में भगवान की पूजा पाठ जीवन शैली का हिस्सा है। प्रभु की पूजा में दीपक जलाने के नियम है। इन नियमों का पालन न करने से इसके विपरीत फल प्राप्त होता है।
Pooja-Paath Mein Deepak : सनातन धर्म में भगवान की पूजा पाठ जीवन शैली का हिस्सा है। प्रभु की पूजा में दीपक जलाने के नियम है। इन नियमों का पालन न करने से इसके विपरीत फल प्राप्त होता है। भगवान के सामने दीपक जलाने में गलतियां करने से आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह और शाम दोनों समय भगवान की पूजा की जाती है। दोनों समय पूजा में दीपक जलाया जाता है। घर के मंदिर में रोजाना दीपक जलाने से सकारात्मकता आती है। वास्तु दोष खत्म होते हैं। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। देवी-देवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। आइये जानते है पूजा के समय दीपक जलाने के नियमों के बारे में।
1.भगवान को दीपक जलाते समय दीपक को साफ सुथरा कर लेना चाहिए। दीपक कहीं से टूटा या खंडित न हो।
2.भगवान को दीपक जलाते समय घी के दीपक के लिए रुई की बाती और तेल के दीपक के लिए लाल धागे या कलावा की बाती उपयोग करनी चाहिए।
3.घर के मंदिर में सुबह शाम दोनों समय दीपक जलाना चाहिए।
4.जिन घरों में इस तरह शाम के समय दीपक जलाया जाता है, वहां मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं।