सनातन धर्म में प्रकृति और परमात्मा को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया जाता है। हिंदू धर्म में सृष्टि और ब्रह्म की उपासना युगों युगों से होती आ रही है।
Pooja-Paath Mein Supaaree : सनातन धर्म में प्रकृति और परमात्मा को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया जाता है। हिंदू धर्म में सृष्टि और ब्रह्म की उपासना युगों युगों से होती आ रही है। हिंदू धर्म में पूजा पाठ ,धार्मिक अनुष्ठानों के विशेष नियम है। इन नियमों के बिना धार्मिक कार्यों को अधूरा माना जाता है। पूजा में खाने वाली सुपारी फल का बहुत महत्व है। पूजा में चढ़ायी जाने वाली सुपारी विशेष प्रकार की होती है।
खाने वाली सुपारी बड़ी और गोल होती है, वहीं पूजा की सुपारी आकार में छोटी और शीर्ष पर शिखर जैसा आकार लिए होती है।शास्त्रों के अनुसार,सुपारी को ब्रह्मदेव, यमदेव, इंद्रदेव और वरुण देव का प्रतीक माना गया है। देवताओं की पूजा करने के लिए सुपारी को प्रतीक मान कर उस पर पूजन सामग्री अर्पित की जाती है। गृह शांति पूजा के दौरान सुपारी सूर्य, गुरु, मंगल और केतु इन ग्रहों की प्रतिनिधि मानी जाती है। वहीं, पूजा में जिस कारण से पूजा की जाती है, और उसमें मुख्य पात्र नहीं होता, तो उसकी जगह सुपारी रखी जाती है और पूजा पूरी की जाती है।
सुपारी के चमत्कार
धन के लिए
पूजा में उपयोग की गई सुपारी को अक्षत के साथ लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या गल्ले में रखें। धन का संचय शीघ्रता से होगा।
कर्ज के लिए
अगर आप कर्ज में डूबे हुए हैं तो सोमवार के दिन सात पूजा की सुपारी लेकर उसे अक्षत के साथ शिवलिंग पर अर्पित करें।
रोग के लिए
रोगी के ऊपर से पूजा की एक साबुत सुपारी और एक सिक्का लेकर सात बार पैर से सिर तक घुमाकर बहते पानी में प्रवाहित करें। इससे वह शीघ्रता से ठीक होने लगेगा।