प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष के दिन देवों के देव महादेव व माता पार्वती की पूजन का विधान है। प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है।
Pradosh Vrat 2022 : प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष के दिन देवों के देव महादेव व माता पार्वती की पूजन का विधान है। प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। मार्च महीने का यह पहला प्रदोष व्रत 15 मार्च को है। इस दिन मंगलवार है इसलिए इसको भौम प्रदोष कहा जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि, इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जी है। इस दिन भगवान शिव की प्रिय वस्तुएं उनको अर्पित की जाती है। मान्यता है कि, इस दिन कुछ विशेष उपाय करके आप कर्ज के साथ ही मंगल से जुड़ी अन्य परेशानियों से भी छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के लाभ के बारे में।
1.इस दिन व्रत रखने से बीमारियों से राहत मिलती है और मंगल के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
2. प्रदोष व्रत के दिन एक सूखा नारियल और एक कटोरी में पीला सिन्दूर लें। अब इस सिंदूर में थोड़ा-सा चमेली का तेल मिलाकर उसे गीला कर लें और फिर नारियल पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। अब उस नारियल को हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में खुशियां आने लगेगी।
3.अगर आप कर्ज के जाल में फंसे हैं तो भौम प्रदोष के दिन आपको आसन पर बैठकर, हाथ जोड़कर ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे आपका कर्ज बहुत जल्द ही उतर जायेगा।
शिव मंत्र
ॐ नम: शिवाय।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।