प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ की पूजा का व्रत है। जीवन में सुख आर ऐश्वर्य की कामना के लिए प्रदोष का पालन किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ जीवन की समस्त बाधाओं को दूर करते है।
Pradosh Vrat 2022: प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ की पूजा का व्रत है। जीवन में सुख और ऐश्वर्य की कामना के लिए प्रदोष का पालन किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ जीवन की समस्त बाधाओं को दूर करते है। भक्तगण व्रत उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का कार्य करते है। इस बार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 मई शुक्रवार को प्रदोष व्रत पड़ रहा है।प्रदोष व्रत की पूजा सायंकाल के समय में की जाती है।
इस बार शुक्र प्रदोष के दिन शुभ योग बन रहा है। 27 मई को शुक्र प्रदोष के दिन सुबह से ही सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा और यह रात 10 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से शोभन योग शुरु हो जाएगा। सौभाग्य और शोभन योग मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम योग माने जाते हैं। सौभाग्य योग भाग्य एवं मंगल में वृद्धि करने वाला होता है।शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दांपत्य जीवन सुखमय बनाने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव के आर्शिवाद से दांपत्य जीवन में कोई कठिनाई नहीं आती।