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Pradosh Vrat : जानें प्रदोष व्रत की तिथि, आरोग्य और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है

सनातन धर्म के अनुसार, प्रदोष व्रत  कलियुग में अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करनेवाला होता है। माह की त्रयोदशी तिथि में सायं काल को प्रदोष काल कहा जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Pradosh Vrat : सनातन धर्म के अनुसार, प्रदोष व्रत  कलियुग में अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करनेवाला होता है। माह की त्रयोदशी तिथि में सायं काल को प्रदोष काल कहा जाता है। दिसंबर माह में दोनों प्रदोष व्रत रविवार को होने के कारण रवि प्रदोष व्रत होंगे। रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat) आरोग्य और सौभाग्य लाने वाला होता है। दिसंबर को पहला प्रदोष व्रत 10 दिसंबर, रविवार और दूसरा व्रत 24 दिसंबर, रविवार को रखा जाएगा।

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दिसंबर माह का पहला रवि प्रदोष व्रत
दिसंबर माह का पहला रवि प्रदोष व्रत 10 दिसंबर, रविवार को रखा जाएगा.  पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 11 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। प्रदोष काल में शाम 5 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 8 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है।

प्रदोष व्रत में ऐसे करें शिव पूजा
शिव चालीसा,शिव आरती,शिव पंचाक्षर स्तोत्र, मंत्र महामृत्युंजय मंत्र,श्री रुद्राष्टकम द्वादश (12) शिव ज्योतिर्लिंग, शिव व्रत कथा,प्रदोष कथा

प्रदोष व्रत में करें ये काम
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक

प्रदोष व्रत में व्यक्ति निराहार रहे। निर्जल तथा निराहार व्रत सर्वोत्तम है।
रविवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति सदा निरोगी रहता है।

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