उत्तर प्रदेश में कुछ मुख्य चिकित्साधिकारी प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने में जुटे हैं। वो अपनी मनमर्जी और अपने खास लोगों के लिए जिलों में काम कर रहे हैं। ताजा मामला प्रयागराज के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) से जुड़ा हुआ है, जिसके खिलाफ कंपनियों ने मोर्चा खोल दिया है और डिप्टी सीएम को पत्र लिखा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुछ मुख्य चिकित्साधिकारी प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने में जुटे हैं। वो अपनी मनमर्जी और अपने खास लोगों के लिए जिलों में काम कर रहे हैं। ताजा मामला प्रयागराज के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) से जुड़ा हुआ है, जिसके खिलाफ कंपनियों ने मोर्चा खोल दिया है और डिप्टी सीएम को पत्र लिखा है। साथ ही, CMO के द्वारा निकाले गए टेंडर को निरस्त करने की अपील की गयी है।


दरअसल, प्रयागराज के CMO ने बीते 06 अगस्त को एक टेंडर (GEM/2025/B/6542811) निकाला था। इस टेंडर को निकालते समय प्रयागराज के CMO ने ऐसी नियम और शर्तों रख दीं, जिससे कई कंपनियों को बड़ा झटका लगा। हालांकि, सूत्रों ने कहा, प्रयागराज के CMO ने ये टेंडर अपनी चेहती फर्म ट्रू एचबी के लिए निकाली थी, जिसके बाद अन्य कंपनियों ने इसको लेकर बगावत कर दी। हैदरबाद की एक कंपनी Sensa Core Medical Instrumentation Pvt. Ltd. ने इस टेंडर में कई अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है।