महारानी एलिजाबेथ-II के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के नए किंग बन गए हैं। उन्हें किंग चार्ल्स-III यानी तृतीय नाम से बुलाया जाएगा। महारानी के साम्राज्य को संभालने के लिए भले ही किंग चार्ल्स तृतीय के नाम की घोषणा हो गई हो, लेकिन आधिकारिक ताजपोशी के लिए चार्ल्स को इंतजार करना पड़ेगा।
लंदन । महारानी एलिजाबेथ-II (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के नए किंग बन गए हैं। उन्हें किंग चार्ल्स-III (King Charles-III) नाम से बुलाया जाएगा। महारानी के साम्राज्य को संभालने के लिए भले ही किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles-III) के नाम की घोषणा हो गई हो, लेकिन आधिकारिक ताजपोशी के लिए चार्ल्स को इंतजार करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्रिटेन में ताजपोशी का आयोजन भव्य होता है, जिसे ब्रिटिश सरकार आयोजित करती है।
ताजपोशी के आयोजन के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चलती हैं। इसलिए महारानी के निधन के बाद इतने कम समय में ताजपोशी संभव नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, पिता की मौत के बाद ताजपोशी के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) को भी 16 महीने इंतजार करना पड़ा था। ताजपोशी के दौरान चार्ल्स को 2.23 किलो का सोने का मुकुट पहनाया जाएगा। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद पूर्व राजकुमार चार्ल्स अब ब्रिटेन के नए राजा होंगे और उनकी पत्नी कैमिला पार्कर देश की नई महारानी होंगी।
ब्रिटेन के शाही परिवार का बदल जाएगा ख़िताब
ब्रिटेन के शाही परिवार में वो अकेले ऐसे नहीं है जिनका ख़िताब बदल जाएगा। प्रिंस विलियम्स अब राजगद्दी के उत्तराधिकारी हैं, लेकिन वो स्वतः ही प्रिंस ऑफ़ वेल्स नहीं बन जाएंगे। हालांकि, उन्हें तुरंत अपने पिता का ख़िताब ड्यूक ऑफ़ कॉर्नवॉल मिल जाएगा। उनकी पत्नी कैथरीन को अब डचेज़ ऑफ़ कॉर्नवॉल के रूप में जाना जाएगा। अब चार्ल्स की पत्नी, कैमिला को भी नया ख़िताब मिलेगा। उनका पूरा टाइटल अब क्वीन कंसॉर्ट होगा। सम्राट के जीवनसंगिनी के लिए इसी ख़िताब का इस्तेमाल किया जाता है।
चार्ल्स को अधिकारिक रूप से शनिवार को घोषित कर दिया जाएगा सम्राट
चार्ल्स को अधिकारिक रूप से शनिवार को सम्राट घोषित कर दिया जाएगा। इसके लिए लंदन स्थित सैंट जेम्स पैलेस में असेसन काउंसिल (परिग्रहण परिषद) नाम की औपचारिक निकाय के समक्ष कार्यक्रम होगा। इस काउंसिल में प्रिवी काउंसिल के सदस्य होते हैं। इसमें पूर्व और मौजूदा वरिष्ठ सांसद, उनके समकक्ष लोग, साथ ही कुछ वरिष्ठ नौकरशाह, कॉमनवेल्थ के हाई कमिश्नर और लॉर्ड मेयर ऑफ़ लंदन शामिल होते हैं।
प्रिवी काउंसिल में हिस्सा लेने के लिए 700 लोग अधिकृत हैं ,लेकिन समय की कमी के कारण वास्तव में इससे बहुत कम ही लोग इसमें शामिल हो सकेंगे। 1952 में हुई पिछली एक्सेशन काउंसिल में 200 लोगों ने हिस्सा लिया था। बैठक में, प्रिवी काउंसिल के लॉर्ड प्रेसिडेंट द्वारा महारानी के निधन की घोषणा की जाएगी और इससे जुड़े घोषणापत्र को पढ़ा जाएगा। मौजूदा वक़्त में सांसद पेनी मॉरडांट इसके अध्यक्ष हैं।
घोषणापत्र के शब्द बदले जा सकते हैं, लेकिन पारंपरिक तौर पर इसमें प्रार्थनाएं और शपथ होते हैं जिनमें पूर्व सम्राट के प्रति आभार और नए सम्राट के प्रति वफ़ादारी व्यक्त की जाती है। इस घोषणापत्र पर इसके बाद प्रधानमंत्री समेत कई वरिष्ठ लोग हस्ताक्षर करते हैं। प्रधानमंत्री के अलावा आर्कबिशप ऑफ़ कैंटरबरी और लॉर्ड चांसलर के हस्ताक्षर भी होते हैं। इस समारोह के दौरान नए दौर के प्रतीक के रूप में शब्दों में किए गए बदलावों की तरफ़ ध्यान आकर्षित होगा।
नए सम्राट 18वीं सदी से चली आ रही परंपरा के तहत चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड की सुरक्षा की लेंगे शपथ
आमतौर पर इसके एक दिन बाद असेसन काउंसिल की फिर से बैठक होती है, इस बार सम्राट के साथ-साथ प्रिवी काउंसिल के सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति और कई अन्य राष्ट्रध्यक्षों की तरह, ब्रिटेन के सम्राट के राजकाज की शुरुआत में कोई शपथग्रहण नहीं होता है, लेकिन नए सम्राट 18वीं सदी से चली आ रही परंपरा के तहत चर्च ऑफ़ स्कॉटलैंड की सुरक्षा की शपथ लेंगे। इसके बाद गाजे-बाजे और धूमधाम से चार्ल्स को नया सम्राट बनने की सार्वजनिक घोषणा की जाएगी। ये घोषणा गार्टर किंग ऑफ़ आर्म्स नाम के अधिकारी सेंट जेम्स पैलेस के फ़्रायरी कोर्ट की बालकनी से करेंगे।
जब चार्ल्स पुकारेंगे ‘गॉड सेव द किंग’ तो 1952 के बाद पहली बार जब राष्ट्रगान बजेगा तब शब्द होंगे ‘गॉड सेव द किंग’। हाइड पार्क, टावर ऑफ़ लंदन और ब्रितानी नौसेना के जहाजों से उन्हें तोपों की सलामी दी जाएगी और एडिनबरा, कार्डिफ़ और बेलफास्ट में चार्ल्स को किंग बनाए जाने की घोषणा की जाएगी।नए सम्राट दुनिया की निगाहों के बीच ताज पहनेंगे। इस विस्तृत समारोह में सम्राट अपनी राजसत्ता के प्रतीक के रूप में राजसी आभूषण (ऑर्ब) और राजदंड प्राप्त करेंगे और आर्कबिशप ऑफ़ कैंटरबरी उनके सिर पर ठोस सोने का मुकुट रखेंगे।
कॉमनवेल्थ के अध्यक्ष
चार्ल्स कॉमनवेल्थ के भी अध्यक्ष बन गए हैं। ये 2.4 अरब की आबादी वाले 56 देशों का समूह है। इनमें से ब्रिटेन और चौदह अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष चार्ल्स ही होंगे। कॉमनवेल्थ रेल्म्स कहे जाने वाले ये देश हैं – ऑस्ट्रेलिया, एंटिगुआ एंड बारबूडा, द बहामास, बेलीज़, कनाडा, ग्रेनाडा, जमैका, पापुआ न्यू गिनी, सैंट क्रिस्टोफ़र एंड नेविस, सैंट लूसिया, सैंट विंसेंड एंड द ग्रेनाडीन्स, न्यूज़ीलैंड, सोलोमन आइलैंड्स और तुवालू।