कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसके माध्यम से प्रतापगढ़ जिले में पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। इस मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसके माध्यम से प्रतापगढ़ जिले में पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। इस मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
बता दें कि पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की प्रतापगढ़ में 13 जून की रात रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। सुलभ ने शराब माफिया के खिलाफ खबर चलाने के बाद गत 12 जून को प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी।
उप्र के प्रतापगढ़ में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के साथ घटी दुखद घटना दिखाती है कि कानून के राज का इकबाल खत्म हो गया है।
जरूरी है कि:
मामले की CBI जांच हो, परिवार को आर्थिक सहायता मिले एवं शराब माफियाओं व प्रशासन के गठजोड़ पर निर्णायक चोट की जाए।
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मुख्यमंत्री जी को मेरा पत्र। pic.twitter.com/z8MOMOJTme
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 15, 2021
प्रियंका ने सीएम योगी को लिखे गए पत्र में कहा कि बीते 12 जून को सुलभ श्रीवास्तव ने एडीजी (प्रयागराज जोन) को लिखे पत्र में बताया था कि स्थानीय शराब माफिया अवैध शराब पर उनकी खबर से खफा हैं। उन्हें अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता है। प्रशासन को पत्र भेजे जाने के एक दिन बाद ही रहस्यमयी हालात में वह मृत पाए गए। कांग्रेस नेत्री प्रियंका ने कहा कि सुलभ श्रीवास्तव के परिजन और पत्रकार साथियों ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने व सच सामने लाने की मांग की है।
प्रियंका ने दावा करते हुए लिखा कि यूपी में कई जगहों से जहरीली शराब से मौत होने की खबरें आई हैं। अलीगढ़ से लेकर प्रतापगढ़ तक जहरीली शराब के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में एक पत्रकार द्वारा खबरें दिखाने को लेकर शराब माफ़ियाओं से ख़तरा होने की आशंका बताती है कि राज्य में कानून का राज खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। पूरे राज्य में जड़ जमा चुके शराब माफिया और प्रशासन के गठजोड़ पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही पीड़ित परिवार और मृतक के आश्रितों को फ़ौरन आर्थिक सहायता दी जाए।